ग्रेटर नोएडा की शान : किसान का बेटा बना आईपीएस, पढ़िए पैरामिलिट्री और ITBP छोड़कर कैसे यहां पहुंचे आलोक भाटी

Tricity Today | आलोक भाटी बने आईपीएस



Greater Noida News : दादरी के चिटहेरा गांव में रहने वाले किसान के बेटे ने गौतमबुद्ध नगर का नाम रोशन किया है। चिटहेरा गांव के निवासी अलोक भाटी आईपीएस बन गए हैं। वैसे तो मई 2022 में संघ लोक सेवा आयोग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा के परिणाम घोषित किए थे। जिसमें आलोक भाटी का नाम शामिल हैं। अब आलोक भाटी की ट्रेनिंग पूरी हो गई है और वह आईपीएस अफसर बन गए हैं। खुशी की बात यह भी है कि आलोक भाटी को यूपी कैडर मिला है। हालांकि अभी जिले की जानकारी नहीं है। आलोक भाटी के आईपीएस बनने के बाद केवल चिटहेरा गांव ही नहीं बल्कि पूरे गौतमबुद्ध नगर में खुशी का माहौल है।

पिता के साथ खेती करता था आलोक
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले आलोक भाटी अपने पिता के साथ मिलकर परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूध बेचते थे। पहले गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद दादरी के इंटर कॉलेज में पढ़े। पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम में की है। आलोक भाटी को ऑल इंडिया रैंक 413 मिली।

"गाय-भैंसों को चारा खिलाने से लेकर सारे काम करता था आलोक"
आलोक भाटी के पिता अजीत भाटी ने ट्राईसिटी टुडे से बातचीत करते हुए बताया, "मेरा बेटा आलोक भाटी मेरे साथ परिवार को संभालने के लिए दूध बेचने का काम करता था। आलोक की दिनचर्या बेहद सामान्य थी। वह सुबह उठकर गाय-भैंसों को चारा खिलाते थे। उसके बाद दूध निकालना और बेचने चला जाता था। वापस लौटकर पढ़ाई लिखाई करता था। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता रहता था। आलोक भाटी शुरू से मेधावी छात्र हैं। हालांकि, उनकी पूरी पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल और दादरी के इंटर कॉलेज में हिंदी माध्यम से हुई है।"

पहले एनडीए और फिर सीपीएमएफ पास किया
आलोक भाटी की मेधा का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने पहले नेशनल डिफेंस एकेडमी की प्रतिष्ठित परीक्षा पास की थी। मेडिकल के दौरान उनके दांतो में कुछ समस्या का पता चला। जिसकी वजह से उन्हें एनडीए छोड़ना पड़ा। इसके बावजूद आलोक ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि और ज्यादा जज्बे के साथ तैयारी शुरू की। करीब 2 साल पहले आलोक ने केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स के लिए आयोजित होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की। उनका चयन इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस बल में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट हो गया। 

इस दौरान बनाया आईपीएस बनने का मन
जब वह आइटीबीपी में प्रशिक्षणरत हो गए थे। उसी दौरान आलोक भाटी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए परीक्षा देने का मन बनाया। वर्ष 2021 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास करने के बाद बीते अप्रैल महीने में उन्होंने इंटरव्यू दिया था। अब सोमवार को उन्हें सफल घोषित किया गया है। आलोक को ऑल इंडिया रैंक 413वीं मिली।

बहन कर रही है पीएचडी, भाई दादरी में कारोबारी
अजीत भाटी के परिवार के सारे बच्चे पढ़ने में मेधावी हैं। अमन की छोटी बहन रुचि पीएचडी कर रही हैं। बड़ा भाई दादरी में कपड़े का कारोबार करता है। अमन के पिताजी अजीत सिंह भाटी सामान्य किसान हैं और मां सुनीता गृहिणी हैं। चिटहेरा गांव के लोगों का कहना है कि अजीत भाटी ने शुरू से ही बच्चों को पढ़ाई-लिखाई की तरफ प्रेरित किया। इसका पूरा फायदा मिला है। उनके तीनों बच्चे बेहद सामान्य और पढ़ने में मेधावी हैं।

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