कानूनी लड़ाई में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की हार : कर्मचारियों को करना पड़ेगा 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान

Tricity Today | प्रेस कॉन्फ्रेंस



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को माली और सफाई कर्मियों की नियमितीकरण की मांग को लेकर चली कानूनी लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा है। औद्योगिक न्यायाधिकरण पंचम उत्तर प्रदेश (मेरठ) द्वारा 27 मई 2018 को दिए गए फैसले में प्राधिकरण को इन कर्मचारियों का नियमितीकरण करने और उन्हें बकाया वेतन के साथ कार्य पर बहाल करने का आदेश दिया गया था। इसके तहत अब प्राधिकरण को 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस राशि को प्राधिकरण से वसूलने के लिए श्रम विभाग ने 4 जनवरी 2024 को जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को वसूली प्रमाण पत्र भी जारी किया।

क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन (सीटू) ने मंगलवार को प्रेस क्लब स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर इस जीत की घोषणा की। यूनियन के महामंत्री रामकिशन सिंह और मंत्री टीकम सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर वर्ष 1998 से यह संघर्ष चल रहा था। वर्ष 2003 में प्राधिकरण ने 240 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया था, जिसके बाद यूनियन ने न्याय के लिए 24-25 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। 

प्राधिकरण को हाईकोर्ट से भी मिला झटका 
प्राधिकरण ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन 16 अक्टूबर 2024 को उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण की याचिकाओं को खारिज कर दिया और जिलाधिकारी को 90 दिनों के भीतर कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान और बहाली सुनिश्चित करने का आदेश दिया। इस दौरान यूनियन ने मजदूर संगठन सीटू के पदाधिकारियों, सपा नेता राजकुमार भाटी, इस कानूनी लड़ाई में समर्थन देने वाले वकीलों नरेश कुमार वर्मा और गोपाल नारायण का आभार जताया। 

ये लोग हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल
यूनियन ने स्पष्ट किया कि यदि प्राधिकरण ने आदेश का पालन नहीं किया तो वे संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा, किसान सभा जिलाध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा, यूनियन के उपाध्यक्ष ज्ञानचंद, संयुक्त मंत्री धनपाल और कोषाध्यक्ष अमरपाल समेत कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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