ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अच्छा कदम : इस मानसून सत्र में लगेंगे पौने दो लाख पौधे, हरा-भरा होगा सपनों का शहर

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस मानसून सत्र में हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पौने दो लाख पौधे लगाने की योजना बना रहा है। इस पहल के तहत अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए विशेष तौर पर जगह चिन्हित करने के लिए टेक्निकल सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गई है। 

एनजीओ की लेंगे मदद
शहर को हरा-भरा बनाने के इस अभियान में प्राधिकरण के साथ-साथ छह से अधिक गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने भी सहयोग का हाथ बढ़ाया है। ये एनजीओ पौधरोपण के लिए प्राधिकरण से जमीन उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं और इसके साथ ही दो साल तक पौधों का रखरखाव भी करेंगे। इस साझेदारी से प्राधिकरण को लाखों रुपये की बचत होने की संभावना है।

टेक्निकल सुपरवाइजरों की लगाई ड्यूटी
प्रत्येक मानसून सत्र में पौधरोपण अभियान का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पौने दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। प्राधिकरण के उद्यान विभाग द्वारा हरियाली बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष आठ करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इस बार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जमीन चिन्हित करने का कार्य आरंभ हो चुका है। सभी वर्क सर्किल के टेक्निकल सुपरवाइजर को निर्देशित किया गया है कि वे यह पता लगाएं कि पौधे लगाने के लिए कहां-कहां पर जमीन उपलब्ध है। उन स्थानों को प्राथमिकता के आधार पर सूची में शामिल किया जाएगा, जहां पर हरियाली बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

करीब 50 प्रतिशत पौधे सूख जाते हैं 
पिछले मानसून में लगाए गए पौधों में से कितने सूख गए हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है ताकि उन स्थानों पर दोबारा से पौधे लगाए जा सकें। बीते पूरे जिले में 11.50 लाख और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1.50 लाख पौधे लगाए गए थे। इनमें से कितने पौधे सूख गए हैं, इसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनुमान के मुताबिक हर साल रखरखाव के अभाव में 50 प्रतिशत पौधे सूख जाते हैं।

पार्कों में भी हरियाली को बढ़ावा मिलेगा
इस अभियान का उद्देश्य न केवल शहर को हरा-भरा बनाना है, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित और संरक्षित रखना है। प्राधिकरण और एनजीओ के इस संयुक्त प्रयास से ग्रेटर नोएडा की हरियाली में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। शहर की ग्रीनबेल्ट का निरीक्षण भी जरूरी है। देखरेख के अभाव में ज्यादातर ग्रीनबेल्ट की हरियाली गायब हो चुकी है, जिसे दोबारा हरा-भरा बनाने की योजना है। इसके अलावा पार्कों में भी हरियाली बढ़ाने का काम किया जाना है।

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