Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के प्रवीण कुमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में धमाल कर दिया। उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद में एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। टोक्यो पैरालंपिक में रजत जीतने वाले प्रवीण ने T64 स्पर्धा में अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर धमाल मचाया। 2.08 मीटर की ऊंचाई लांघने के साथ उन्होने इतिहास में नाम शामिल कर लिया। वह उन चुनिंदा एथलीट्स में शामिल हो गए, जिन्होंने दो अलग पैरालंपिक में पदक जीते हैं। प्रवीण ने रवाना होने से पहले देश के लिए स्वर्ण जीतकर लाने का वादा किया था, जो आज उन्होंने निभा दिया।
खुद को साबित करने के लिए खेल को चुना
जेवर विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव गोविंदगढ़ में जन्मे प्रवीण टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीतने वाले सबसे युवा भारतीय बने थे। तब उनकी उम्र सिर्फ 18 साल थी। उन्होंने पुरुषों की T64 स्पर्धा रजत पदक जीता। जन्म से ही उनका एक पैरा थोड़ा छोटा था। बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे। खुद को साबित करने के लिए उन्होंने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया। उनके खेल जीवन में बड़ा मोड़ उस वक्त आया जब उन्होंने अचानक ऊंची कूद स्पर्धा में भाग लिया और शानदार प्रदर्शन किया।
कोच सतपाल ने संवारा
पैरा कोच डॉ. सत्यपाल सिंह ने प्रवीण की क्षमता को पहचाना और उन्हें निखारना शुरू किया। 2022 में एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने क्षेत्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतकर अपने हुनर से देश में नाम रोशन किया। पिछले साल विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के साथ पेरिस पैरालंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया था।
पैरालंपिक में देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
प्रवीण के पदक के साथ ही भारत ने पेरिस पैरालंपिक में अपने पदकों की संख्या 26 कर ली। भारतीय दल 25 पदक जीतने का लक्ष्य लेकर पेरिस रवाना हुआ था। भारतीय दल का यह प्रदर्शन इतिहास में सबसे बेहतर है। खिलाड़ियों ने उम्मीदों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया।