ग्रेटर नोएडा के लाखों खरीदारों की मांग पूरी : अब बहुमंजिला इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट होगा

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



Greater Noida : ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों फ्लैट खरीदार कई वर्षों से अपनी हाउसिंग सोसाइटीज में घटिया निर्माण की शिकायत कर रहे हैं। खराब मौसम और सामान्य दिनों में भी फ्लैट की छत, दीवार या दूसरे निर्माण भरभराकर गिर जाते हैं। फ्लैट खरीदारों के आरोप हैं कि बिल्डरों ने बेहद घटिया निर्माण किया। जिससे उनकी जान को खतरा है। हाउसिंग सोसाइटीज में निर्माण की जांच की जानी चाहिए। अभी तक ऐसी कोई पॉलिसी उपलब्ध नहीं थी। बुधवार को प्राधिकरण बोर्ड ने इस पॉलिसी को मंजूरी दे दी है।

ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने कहा, "नोएडा की तरह ही ग्रेटर नोएडा में भी बहुमंजिला इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की रूपरेखा तय कर दी गई है। बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट खरीदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बुधवार को इस पर हरी झंडी दे दी है।" नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में बहुमंजिला इमारत हैं। इनमें रहने वाले निवासी बिल्डिंग की सेफ्टी के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग करते रहे हैं। इसे देखते हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का फैसला लिया है।

क्या है नई स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी
रितु माहेश्वरी ने बताया, "बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए पॉलिसी पर मुहर लगा दी है। इस पॉलिसी के अनुसार स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए जल्द ही एक पैनल तैयार किया जाएगा। जिसमें आईआईटी, एनआईटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सीएसआईआर से संबंधित रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे।
  1. अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने के बाद पांच साल तक बिल्डर के खर्च पर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा।
  2. इससे अधिक समय बीतने पर एओए खर्च वहन करेगा।
  3. अगर किसी प्रोजेक्ट के 25 प्रतिशत आवंटियों द्वारा स्ट्रक्चरल डिफेक्ट्स की शिकायत की जाती है तो प्राधिकरण उस शिकायत का खुद से परीक्षण करेगा।
  4. इसके लिए प्राधिकरण की तरफ से समिति बना दी गई है। समिति के निर्णय के आधार पर ऑडिट कराने का फैसला लिया जाएगा।
  5. बिल्डर की तरफ से स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं करवाने पर प्राधिकरण नोटिस जारी करके एक माह में रिपोर्ट मांगेगा। अन्यथा की स्थिति में प्राधिकरण इंपैनल्ड कंसल्टेंट से ऑडिट कराकर इसका व्यय बिल्डर से वसूल करेगा। 
  6. प्राधिकरण बहुत जल्द प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची तैयार करेगा।

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