BIG BREAKING: Yamuna Expressway हादसे में नामजद हुए IRP, पुलिस ने कसा शिकंजा, जल्द होगी गिरफ्तारी

Tricity Today | FIR filed against IRP, IMC and other officers



यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा की बीटा-2 पुलिस ने एक्सप्रेसवे का संचालन कर रहे इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) अनुज जैन और आईएमसी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। बीटा-2 पुलिस ने आईआरपी, आईआईएमसी और जेपी इंफ्राटेक के अधिकारियों पर मामला पंजीकृत किया है। इसके बाद से ही उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू हो गया है। बुधवार को यमुना प्राधिकरण ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। 

शिकायत में कहा गया था कि यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों को लागू करने में यह सभी लापरवाही बरत रहे हैं। इसके बाद से ही एक्सप्रेसवे के संचालकों में अफरा-तफरी मच गई है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए 110 करोड़ रुपये का टेंडर जारी कर दिया गया है। मगर प्राधिकरण उनकी इस दलील से संतुष्ट नहीं है। 

दरअसल बुधवार की सुबह ही यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले में एक दर्दनाक हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी। डीजल से भरा एक टैंकर अनियंत्रित होकर एक्सप्रेसवे के दूसरी तरफ नोएडा आ रही कार से टकरा गया था और कार पर पलट गया। कार में सवार सभी सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद यमुना प्राधिकरण ने सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर नहीं लगाने को लेकर आईआरपी अनुज जैन, आईएमसी और जेपी इंफ्राटेक के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा की बीटा-2 थाने में मामला पंजीकृत हुआ है। 

इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा – 283, 431 और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम-1932 की धारा-7 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके बाद से बीटा-2 पुलिस सभी संबंधित लोगों की तलाश कर रही है। जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में बीटा-2 थाना के प्रभारी निरीक्षक सुजीत उपाध्याय ने कहा कि केस रजिस्टर कर लिया गया है। नामजद लोगों की तलाश की जा रही है। जल्दी उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा।

यह है पूरा मामला
अथॉरिटी ने अपनी तहरीर में कहा है कि आईआरपी अनुज जैन और आईएमसी जानबूझकर आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए फाइनल ऑडिट रिपोर्ट में सुरक्षा के संबंध में उल्लिखित सुझावों से जुड़े कार्य निर्धारित समय में पूरा नहीं करा रहे हैं। बार-बार इन प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने की समयसीमा बदली जा रही है। आईआरपी और आईएमसी, आईआईटी दिल्ली के सुझावों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों में जान-माल की अत्यधिक हानि हुई है। हालांकि ये यमुना एक्सप्रेस-वे के टोल पर टोल टैक्स की उगाही कर रहे हैं। 

मगर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण सेंट्रल वर्ज में क्रैश बैरियर लगाने में ढिलाई की जा रही है। इसका खामियाजा मासूम मुसाफिरों को भुगतना पड़ रहा है। निर्धारित समय पर काम पूरा हो गया होता, तो मथुरा में बुधवार की सुबह हुआ दर्दनाक हादसा नहीं होता। प्राधिकरण ने कहा है कि आईआरपी और आईएमसी अनुज जैन इन सभी दुर्घटनाओं और क्षति के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। ये सभी यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षापूर्ण यात्रा के लिए जरूरी कार्यों में धन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। अपनी तहरीर में प्राधिकरण ने इनके खिलाफ राष्ट्रीय संपत्ति का दुरुपयोग करने से जुड़े सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा था।

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