रियल स्टेट सेक्टर की देश की प्रमुख कंपनी सुपरटेक लिमिटेड अपने कर्ज चुकाने और जारी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अपनी जमीन बेचेगी। इससे होने वाली इनकम से ऋण चुकता करने के साथ ही उन परियोजनाओं को कंप्लीट किया जाएगा, जो फंड की कमी के चलते रूके हुए हैं।
ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक के पास 8.73 लाख वर्गफुट और यमुना एक्सप्रेसवे में 8.1 लाख वर्गफुट भूमि है। इसके अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी प्लॉट बेचकर सुपरटेक करीब 2,300 करोड़ रुपये जुटायेगी। इसके लिए तीन राज्यों में 125 एकड़ भूमि को चिन्हित किया गया है।
तीन राज्यों में बिकेंगे प्लॉट
कंपनी प्रबंध ने इस बारे में बुधवार को जानकारी दी। कंपनी ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में अपने भूखंड बेचने की योजना बनाई है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि, “भूखंडों को विकसित कर उन्हें बेचने की योजना पर काम किया जा रहा है।” कंपनी ने 53 लाख वर्गफुट क्षेत्र में स्वतंत्र प्लॉट विकसित करने की पेशकश की है। यह क्षेत्र तकरीबन 125 एकड़ होगा।
इन शहरों में है जमीन
कंपनी ने कहा है कि वह गाजियाबाद में 2.43 लाख वर्गफुट, गुरुग्राम में 16.65 लाख वर्गफुट, ग्रेटर नोएडा में 8.73 लाख वर्गफुट, यमुना एक्सप्रेसवे में 8.1 लाख वर्गफुट, मेरठ में 3.6 लाख और रुद्रपुर में 13.5 लाख वर्गफुट भूखंडों को विकसित कर उन्हें बेचेगी। सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद अलग प्लॉट की मांग बढ़ी है। कंपनी को इन भूखंडों की बिक्री से 2,300 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
सारे कर्जे चुकाएगी सुपरटेक
इसमें से 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान मौजूदा कर्ज को चुकाने में किया जायेगा। जबकि, 300 करोड़ रुपये प्राधिकरणों के जमीन के बकाये के चुकाये जायेंगे। एक हजार करोड़ रुपये का खर्च मौजूदा जारी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में किया जायेगा। अरोड़ा ने कहा कि कंपनी 2021 में 7,000 फ्लैट खरीदारों को घर का पजेशन देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। हालांकि खरीदारों को प्लॉट बेचने से कंपनी के मुनाफे पर कुछ असर पड़ सकता है। लेकिन, दूसरे आवंटियों को फ्लैट की सुपुर्दगी में तेजी आयेगी।