GREATER NOIDA: लॉजिस्टिक-ट्रांसपोर्ट हब के लिए केंद्र से मिले 400 करोड़, रुके प्रोजेक्ट को मिलेगी रफ्तार, बदलेगी बोड़ाकी की सूरत

Tricity Today | ट्रांसपोर्ट हब के लिए केंद्र से मिले 400 करोड़



कोरोना की धीमी होती रफ्तार के साथ रुके हुए प्रोजेक्ट के काम में तेजी आ रही है। दरअसल कोविड की दूसरी लहर से पहले गौतमबुद्ध नगर में कई बड़े प्रोजेक्ट पाइपलाइन में थे। लेकिन अचानक आई दूसरी लहर से सारे काम ठप हो गए। ग्रेटर नोएडा में विकसित होने वाले लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए सलाहकार कंपनी की तलाश की जा रही है। कंपनियों के साथ प्रीबिड बैठक हो चुकी है। सलाहकार कपंनी का चयन कर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। दोनों हब को विकिसत करने में करीब 4 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से कुछ काम सरकार कराएगी और कुछ काम पीपीपी मॉडल पर कराए जाएंगे।

डीएमआईसी प्रोजेक्ट के तहत लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जाएंगे। डीएमआईसी का नाम बदलकर अब नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (National Industrial Corridor Development Corporation-NICDC ) कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत यहां पर करीब 800 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई जा रही है। यह काम इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (Integrated Industrial Township Greater Noida Limited-IITGNL) कंपनी कर रही है। एनआईसीडीसी और आईआईटीजीएनएल मिलकर लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित करेंगे। दोनों कंपनियों की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रहेगी। दोनों हब की डीपीआर पहले बन चुकी है। विकासकर्ता कंपनी का चयन करने के लिए सलाहकार कपंनी तय होगी।

जमीन खरीद में खर्च हुए 2400 करोड़
आईआईटीजीएनएल के एमडी नरेंद्र भूषण ने बताया कि लॉजिस्टिक एवं मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए जमीन खरीदने का काम पूरा हो चुका है। इस पर करीब 2400 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें 50 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार से मिलेगा। विकासकर्ता कंपनी का चयन करने के लिए सलाहकार कंपनी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। सलाहकार तय होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। कोरोना महामारी के चलते परियोजना में देरी हुई है।

रेल लाइन का जाल बिछेगा
बोड़ाकी के पास बनने वाले लॉजिस्टिक हब को कॉमर्शियल बनाने के लिए इंतजाम किए जाएंगे। रेल नेटवर्क बनाया जाएगा। इसके लिए यार्ड बनेगा। जिसमें 16 रेल लाइन बनाकर मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा। ताकि यार्ड तक ट्रेन पहुंच सकें और सामान उतार सकें। यह काम कंपनी खुद करेगी। बाकी काम पीपीपी मॉडल पर होगा। कोल्ड चेन, पैकेजिंग के काम आदि के लिए प्लटेफॉर्म बनाए जाएंगे। वेयरहाउस भी बनाए जाएंगे ताकि सामान को स्टोर किया जा सके।

बोड़ाकी स्टेशन की बदलेगी सूरत
मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब में बोड़ाकी रेलवे स्टेशन की सूरत बदली जाएगी। यहां से दूसरे राज्यों के लिए 15 नई ट्रेनें चलेंगी। इसके लिए रेलवे से अनुबंध हो चुका है। इससे दिल्ली का भार कम होगा। इसके अलावा यहां इंटर स्टेट बस टर्मिननल बनाया जाएगा। ताकि यहां पर काम करने वालों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशान ना होना पड़े। इसके अलावा इस हब को मेट्रो से जोड़ा जाएगा। एक्वा लाइन मेट्रो के डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक मेट्रो लाइन बनाई जाएगी। करीब 3 किलोमीटर का ट्रैक बनाना पड़ेगा। इसके लिए प्रारंभिक रिपोर्ट बन चुकी है।

यमुना अथॉरिटी भी बनाएगी लॉजिस्टिक हब
यमुना प्राधिकरण भी एयरपोर्ट के पास टप्पल में लॉजिस्टिक हब विकसित करने की तैयारी में है। इसके लिए डीपीआर बनवाई जा रही है। डिलाइट कंपनी इसकी डीपीआर बनाई जा रही है। जून में यह रिपोर्ट मिल जाएगी। इस हब के मास्टर प्लान को सरकार पहले ही पास कर चुकी है।

लॉजिस्टिक एवं मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए केंद्र सरकार से 400 करोड़ रुपये मिले हैं। बाकी पैसा भी जल्द मिलेगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए सलाहकार कंपनी का चयन किया जा रहा है। जल्द ही टेंडर निकाले जाएंगे।
-नरेंद्र भूषण, एमडी आईआईटीजीएनएल

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