ग्रेटर नोएडा शहर से जुड़ी बड़ी खबर है। ग्रेटर नोएडा का दायरा करीब 4 गुना बढ़ेगा। अब ग्रेटर नोएडा शहर दादरी और उससे आगे हापुड़ तक बसाया जाएगा। अभी तक दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन को पार करके ग्रेटर नोएडा शहर का विकास नहीं हो सका है। यह बाधा जल्दी ही समाप्त होने वाली है। दरअसल, दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर पांच नए रेलवे ओवरब्रिज अगले एक साल में बनकर तैयार हो जाएंगे। जिसके बाद दादरी के अछूते इलाके और ग्रेटर नोएडा शहर के बीच कनेक्टिविटी की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। मतलब, अब ग्रेटर नोएडा का विकास दादरी से हापुड़ की ओर होगा।
ग्रेटर नोएडा अब और बड़ा होने जा रहा है। पहला चरण बसने के बाद अब दूसरे चरण को बसाने पर काम शुरू हो गया है। ग्रेटर नोएडा का कुल क्षेत्रफल अभी करीब 22 हजार हेक्टेयर है। दूसरे चरण में 51 हजार हेक्टेयर जमीन और ली जाएगी। मतलब, शहर का दायरा बढ़कर 73 हजार हेक्टेयर हो जाएगा। इससे भविष्य में बड़े पैमाने पर उद्योग, आवास, व्यावसायिक सेक्टर और शिक्षण संस्थान खुलेंगे। इससे अरबों रुपये के निवेश और रोजगार मिलेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले यमुना प्राधिकरण भी अपना दायरा बढ़ाने की घोषणा कर चुका है। दूसरी ओर बुलंदशहर जिले की दो तहसीलों सिकंदराबाद और खुर्जा के 80 को नोएडा में शामिल करके नया नोएडा बसाने की योजना है।
शहर का मास्टर प्लान 2041 बनाया जाएगा
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा का विकास अभी मास्टर प्लान 2021 और 2031 के तहत चल रहा है। मास्टर प्लान 2031 में शहर का दायरा 30 हजार हेक्टेयर से अधिक है, लेकिन अगर शहरी क्षेत्र की बात करें तो कुल 22,255 हेक्टेयर एरिया में मौजूदा ग्रेटर नोएडा बसा हुआ है। अब इसका मास्टर प्लान 2041 तैयार किया जा रहा है। प्राधिकरण ने नया मास्टर प्लान बनाने के लिए एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) निकाल दिया है। पांच-छह कंपनियों ने आवेदन किए हैं। इन कंपनियों में से किसी एक का चयन होगा। वह मास्टर प्लान तैयार करेगी।
हापुड़ और बुलंदशहर की सीमा तक बसेगा शहर
नया ग्रेटर नोएडा मौजूदा ग्रेटर नोएडा से करीब चार गुना बड़ा होगा। अभी तक 22,255 हेक्टेयर में शहरी क्षेत्र की बसावट है। इसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट भी शामिल है, लेकिन 2041 के मास्टर प्लान के हिसाब से 51 हजार हेक्टेयर जमीन और ली जाएगी। पहली बार ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर की सीमा को पार करेगा। बुलंदशहर और हापुड़ जिलों के कुछ गांव इसमें आ जाएंगे। यह एरिया रेलवे लाइन से दादरी की तरफ का होगा। हापुड़ बाईपास तक का एरिया इसके दायरे में आएगा। इसमें 200 से अधिक गांवों की जमीन ली जाएगी। हापुड़ के धौलाना और बुलंदशहर के सिकंदराबाद जिले के गांवों में विकास योजनाएं आएंगी।
पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और नेशनल हाइवे ने राह आसान की
हापुड़ और बुलंदशहर की ओर ग्रेटर नोएडा शहर को बसाने का रास्ता ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बनने और नेशनल हाईवे-91 के पुनर्निर्माण ने खोल दिया है। दोनों बेहद शानदार रास्ते बन गए हैं। जिसकी वजह से पूरे इलाके में कनेक्टिविटी बहुत फास्ट हो गई है। दूसरी ओर दादरी की तरफ विकास के रास्ते में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन बाधा बनी हुई थी। रेलवे लाइन पर पांच नए ओवर ब्रिज बन रहे हैं। जिससे रेलवे लाइन पार करना समस्या नहीं रह जाएगी। इसके अलावा नोएडा एयरपोर्ट को देखते हुए ग्रेटर नोएडा में भी जमीन की मांग बढ़ी है। तमाम उद्यमी यहां निवेश करना चाहते हैं। अब उनको यहां जमीन मिलेगी। जिससे उद्योग लगेंगे, निवेश बढ़ेगा और रोजगार भी मिलेगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बने फ्लैट भी धीरे-धीरे बसते जा रहे हैं। इसके बाद रिहायश की जरूरत इस नए शहर से पूरी हो सकेगी।
यमुना प्राधिकरण पहले ही कर चुका है घोषणा
यमुना प्राधिकरण पहले ही मास्टर प्लान 2041 तैयार करने की घोषणा कर चुका है। इसका विस्तार बुलंदशहर और अलीगढ़ जिलों की तरफ होगा। इन दोनों जिलों में करीब 20 गांवों की जमीन लेने की योजना है। इस जमीन पर नोएडा एयरपोर्ट के आसपास सिटी साइट विकसित की जाएगी। ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब इन्हीं गांवों की जमीन पर विकसित किए जाएंगे। नोएडा में भी जमीन खत्म हो गई है। नोएडा को दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर ने बड़ा मौक़ा दिया है। इस कॉरिडोर से प्रभावित 80 गांवों को का विकास करने का प्रस्ताव नोएडा को भेजा गया है। इस प्रस्ताव पर जल्दी फैसले आने वाला है।
इस बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण का कहना है, हमने मास्टर प्लान 2041 तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। इसका विस्तार दादरी की तरफ होगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के दिशा-निर्देश के मुताबिक यह मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।