Yamuna City: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने फ्लैट खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। प्राधिकरण अब फ्लैट के हिसाब से अधिभोग प्रमाण पत्र (Occupancy Certificate) जारी करेगा। अभी तक बिल्डर की ओर से किए गए बकाया भुगतान और हाउसिंग सोसायटी में टावरों की संख्या के अनुपातिक आधार पर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट दिया जा रहा था। यमुना अथॉरिटी के इस फैसले से 7 हजार से अधिक खरीदारों को राहत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्लैट खरीदारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नियमों को लचीला बनाने का आदेश विकास प्राधिकरण को दिया है। शासन के आदेश के बाद यमुना प्राधिकरण फ्लैट खरीदारों को कब्जा दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है। प्राधिकरण अपने क्षेत्र में बिल्डरों को 21 हजार से अधिक फ्लैट और भूखंड विकसित करने की अनुमति दी है। इसमें से अब तक 5,500 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। करीब 9,000 फ्लैट ऐसे हैं, जिनका अभी निर्माण नहीं हुआ है। हालांकि, इसमें से कुछ का स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया है।
अगले एक सप्ताह में 2,344 फ्लैट की रजिस्ट्री होगी
अभी करीब 7,000 फ्लैटों और भूखंडों की रजिस्ट्री होनी बाकी है। प्राधिकरण ने 31 मार्च तक 2,344 फ्लैट की रजिस्ट्री करने का लक्ष्य रखा है। बिल्डर विकास प्राधिकरण को बकाया का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इसके चलते सीसी-ओसी नहीं मिल रहे हैं। ओसी नहीं होने से खरीददारों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थीं। इस समस्या का समाधान करते हुए यमुना प्राधिकरण ने अब फ्लैट के हिसाब से रजिस्ट्री उसी जारी करने का फैसला किया है। यानी अब कोई बिल्डर अगर एक करोड़ रुपए प्राधिकरण का भुगतान करेगा तो उसी अनुपात में फ्लैटों की रजिस्ट्री कर दी जाएगी।
अभी तक टावर के हिसाब से मिलती थी ओसी
यमुना प्राधिकरण में अभी तक टावर के हिसाब से ओसी जारी किए जा रहे थे। मतलब, अगर किसी टॉवर में 100 फ्लैट हैं तो बिल्डर को सभी फ्लैटों पर अनुपातिक आधार पर बकाया पैसा जमा करना होता था। तब जाकर उसे सीसी-ओसी दिए जाते थे। रियल एस्टेट सेक्टर में भारी मंदी के कारण बिल्डर बकाया नहीं जमा कर पा रहे हैं।उन्हें कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र और अधिभोग प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं। इसके चलते रजिस्ट्री में भी दिक्कत आ रही है।
अब प्राधिकरण और खरीदार दोनों को मिलेगा फायदा
यमुना प्राधिकरण के इस फैसले से दो फायदे होंगे। पहला फायदा यह कि खरीदारों को उनका फ्लैट मिल सकेगा। दूसरा फायदा खुद प्राधिकरण को होगा। प्राधिकरण का बिल्डरों पर 3,000 करोड रुपए से अधिक का बकाया है। अधिक बकाया होने के चलते बिल्डर एक साथ पैसा नहीं जमा कर पा रहे थे। अब वह यूनिट के हिसाब से पैसा जमा कर सकेंगे। इससे प्राधिकरण में भी पैसा आना शुरू हो जाएगा। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने कहा, "खरीदारों को राहत देने के लिए अब अधिभोग प्रमाण पत्र (ओसी) फ्लैट के हिसाब से जारी किया जाएगा। इससे खरीदारों को जल्दी कब्जा मिल सकेगा।