नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ेंगे गाजियाबाद और दिल्ली : रैपिड रेल प्रोजेक्ट में प्राधिकरण और सरकार कितने रुपये देंगे? लखनऊ में होगा खुलासा

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Greater Noida News : आज की बड़ी खबर सामने आ रही है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) को नोएडा (Noida) और दिल्ली (Delhi) से जोड़ा जाएगा। दिल्ली (Delhi) और गाजियाबाद (Ghaziabad) दोनों स्थानों से जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल चलेगी। इसको लेकर अब यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) एक्टिव हो गया। आगामी कुछ दिनों के भीतर लखनऊ में बैठक होगी। जिसमें इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। इस बैठक में बाद ही पता चलेगा कि दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट और गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक चलने वाली रैपिड रेल प्रोजेक्ट में कितने रुपये खर्च होंगे।

कौन कितने रुपये करेगा खर्च
डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में यूपी के उच्च अफसरों के साथ रैपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर बैठक होगी। इसमें डीपीआर भी पेश की जाएगी। जिसके माध्यम से बताया जाएगा कि जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट और गाजियाबाद के बीच किस रूट पर रैपिड रेल दौड़ेगी। इसके अलावा दिल्ली रूट का भी जिक्र किया जाएगा। इस बैठक में यह भी पता चल जाएगा कि रैपिड रेल प्रोजेक्ट में कितने रुपये कौन खर्च करेगा। प्राधिकरण कितने रुपये देगा और सरकार कितने रुपये देगी।

दो चरणों में पूरा होगा गाजियाबाद-जेवर रूट
मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद से रैपिड रेल का कॉरिडोर जेवर एयरपोर्ट तक जाएगा। वह दो चरणों में विकसित होगा। पहले चरण में गाजियाबाद, गौर चौक, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-16बी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-4, इकोटेक-12, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर-10, नॉलेज पार्क-5 और ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर पुलिस लाइन तक स्टेशन बनेंगे। पहले चरण में 39.39 किलोमीटर लंबा रूट बनेगा। इस प्रोजेक्ट पर 13,055 करोड़ रुपये खर्च होंगे। खास बात यह होगी कि एक ही लाइन पर रैपिड रेल और मेट्रो दौड़ सकेंगी। दूसरे चरण में पुलिस लाइन, मलकपुर, नॉलेज पार्क-3, परी चौक, इकोटेक-6, दनकौर, यमुना क्षेत्र के सेक्टर-18, सेक्टर-20, सेक्टर-21 फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट स्टेशन होंगे। यह रूट 32.90 किलोमीटर लंबा होगा। इस हिस्से को पूरा करने के लिए 6,988.50 करोड़ रुपये लागत आएगी। इस तरह पूरे 72.29 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को बनाने में 20,043.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जिम्मेदार कंपनी ने इसकी पूरी डीपीआर बना दी है। अब बहुत जल्दी यह डीपीआर सरकार के सामने पेश की जाएगी। हालांकि, यही खर्चा पूरे तरीके से तय नहीं है।

आईजीआई से जेवर एयरपोर्ट तक दूसरी लाइन
दूसरा रूट दिल्ली में स्थित आईजीआई से लेकर जेवर एयरपोर्ट तक होगा। यह रूट करीब 80 किलोमीटर लंबा होगा। यह रूट दिल्ली आईजीआई से सीधा नोएडा एयरपोर्ट तक आएगा। इस रूट पर तीन प्रकार की रेलगाड़ी दौड़ेंगी। एक रैपिड रेल होगी। जिसकी रफ्तार 114 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी प्रकार की रैपिड रेल 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। तीसरी सेवा मेट्रो की होगी, जो 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इस रूट पर 22 मेट्रो और 7 रैपिड रेल स्टेशन होंगे। सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि 10 फ्यूचर स्टेशन इस रूट पर बनाए जाएंगे। जिनके लिए कॉरिडोर के किनारे खाली स्पेश छोड़ दिया जाएगा।

खर्च कम आएगा, दोहरा फायदा मिलेगा
खास बात यह होगी कि कम खर्च में दोहरा फायदा मिलेगा। रैपिड रेल और मेट्रो के लिए एक लाइन बिछेगी। एक लाइन पर मेट्रो और रैपिड रेल दोनों दौड़ेंगी। यानी कि मेट्रो और रैपिड रेल के लिए अलग अलग-लाइन नहीं बनेंगी। इससे कम खर्च पर दोहरा फायदा होगा। लोगों को रैपिड रेल और मेट्रो का इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग स्थान पर नहीं जाना होगा। एक जगह पर ही मेट्रो और रैपिड रेल दोनों मिल जाएगी। बस फर्क कितना होगा कि मेट्रो में करीब 22 स्टेशन होंगे और रैपिड रेल में करीबन 7 स्टेशन होंगे। मेट्रो सेक्टरों के अंदर से जाएगी और रैपिड रेल सीधे एयरपोर्ट पर पहुंचेगी।

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