Greater Noida News : दिल्ली एनसीआर में गर्मी तेजी से बढ़ रही है। गर्मी बढ़ने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है। पानी शरीर का एक महत्वपूर्ण तत्व है। शरीर में 65 प्रतिशत के करीब पानी होता है। शरीर के खून में 80 प्रतिशत पानी होता है। शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर की क्रियाएं शिथिल पड़ जाती हैं। अत्यधिक कमजोरी महसूस होती है। भूख में कमी आती है। आदमी ही नहीं यह गर्मी दूध देने वाले जानवरों के लिए भी हानिकारक हैं, कई बार भीषण गर्मी से गाय भैंस का दूध कम हो जाता है। इसको लेकर नोएडा डीएम (Noida DM) ने एडवाइजरी जारी की है।
पालतू और आवारा जानवरों के लिए पानी रखें
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विपिन अग्रवाल ने बताया कि बढ़ती गर्मी सभी के लिए हानिकारक है। पशुओं की बात की जाए तो कई बार गाभिन पशुओं में गर्भपात हो जाता है। पशुओं में स्ट्रेस का स्तर बढ़ता है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। पशु पक्षियों को बुखार हो जाता है। समय पर पानी की पूर्ति न होने पर पशु निढाल हो जाता है और वह मर भी हो सकते हैं। इसलिए गर्मी से बचाव की व्यवस्था करना बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु है। गर्मी के समय आपको क्या सावधानी रखनी है यह प्रत्येक पशुपालक और आम व्यक्ति को पता होनी चाहिए। तमाम ऐसे पशु है जो निराश्रित हैं। उनके प्रति भी आपको दया का भाव रखना है। उनके लिए भी व्यवस्था करनी है। उनके लिए आप घर के बाहर पानी की व्यवस्था कर सकते हैं। पक्षियों के लिए छत पर पानी की व्यवस्था कर सकते हैं। जो भी पानी रखें उसको आप समय-समय पर बदलते रहे और पानी को छायादार स्थान पर ही रखें। गर्म पानी पशु पक्षियों को नुकसान कर सकता है। ऐसे रखें अपने पशुओं का ख्याल
विपिन अग्रवाल ने बताया कि यदि पशु पक्षी बहुत हॉफ रहा हो, कमजोरी और थकान महसूस कर रहा हो, मुंह से लार टपक रही हो, उसके हृदय की गति बढ़ जाती है। वह निढाल पड़ गया हो तो यह लक्षण गर्मी से होने वाले हीट स्ट्रेस के लक्षण हो सकते है। ऐस अहोने पर उसको तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें और इलाज कराये। भार ढ़ोने वाले या काम करने वाले पशुओं को गर्मी के समय 12:00 बजे से 3:00 तक जरूर आराम दें। 37 डिग्री से अधिक तापमान होने पर इस नियमों का पालन अवश्य करें। पशुओं के प्रति क्रूरता का अपराध माना जाएगा। अपने पालतू पशुओं को दिन में एक बार जरूर नहलाएं। छायादार स्थान पर ही रखें। गर्म हवा के सीधे संपर्क में आने से रोकने के लिए पर्दे लगाए।
स्ट्रेस काम करने के लिए जागरूक होना जरूरी
टीन शेड के घर बने हो तो उसे पर घास, पराली आदि डाल दें जिससे छत गर्म ना हो। पालतू पशुओं को नियमित रूप से नमक, संतुलित पशु आहार मिनरल मिक्सर प्रति दिन दें, इससे दुधारू पशुओं के दूध में कमी नहीं आएगी। पशुओं में स्ट्रेस नहीं होगा। स्ट्रेस आने से प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है और विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती है। जन सामान्य से अनुरोध है कि पशुओं के प्रति दया का भाव रखते हुए गर्मी और लू से बचाने के लिए उपरोक्त बताए गए उपायों को खुद करें और अन्य व्यक्तियों को जागरूक कर प्रेरित करें।