Greater Noida News : सोमवार को आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राईसिटी टुडे द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन रसूखदार' का असर हुआ है। पिछले डेढ़ महीने से शहर के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में ऐश कर रहा कैलाश भाटी वापस लुक्सर जेल पहुंच गया है। सोमवार को जिम्स प्रशासन ने कैलाश भाटी का हेल्थ बुलेटिन जारी किया था। मंगलवार को जिम्स के डॉक्टरों ने उसे स्वस्थ घोषित कर दिया और वापस जिला जेल भेज दिया है।
चौबीस घंटों में तंदरुस्त हो गया कैलाश भाटी
बीमारी के नाम पर जिम्स में मौज ले रहा कैलाश भाटी ट्राईसिटी टुडे का 'ऑपरेशन रसूखदार' चलने के बाद महज 24 घंटों में स्वस्थ हो गया। वह डेढ़ माह के उपचार में स्वस्थ नहीं हो पाया। जालसाज कैलाश भाटी ट्राईसिटी टुडे की खबर चलते ही ठीक हो गया है। रसूखदार कैलाश भाटी को जिम्स अस्पताल से वापस जेल भेजा गया है। वह मंगलवार को दोपहर बाद जिला कारागार चला गया। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि जिम्स अस्पताल ने कैलाश भाटी को डिस्चार्ज कर दिया है। वह जेल में वापस आ चुका है।
जिम्स ने मंगलवार को डिस्चार्ज किया
जिम्स अस्पताल के निदेशक डॉ.ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता ने सोमवार को ट्राईसिटी टुडे से बात करते कहा था कि कैलाश भाटी का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण जेल से आई चिट्ठियों के बावजूद उसको डिस्चार्ज नहीं किया गया है। कैलाश के स्वास्थ्य में सुधार की कोई जानकारी निदेशक द्वारा नहीं दी गई थी। हालांकि, ट्राईसिटी टुडे पर समाचार प्रकाशित होने और शासन के संज्ञान लेने के बाद कैलाश के उपचार के संबंध में मेडिकल बुलेटिन जिम्स प्रबंधन द्वारा जारी किया गया। ट्राईसिटी टुडे का 'ऑपरेशन रसूखदार' दिखाए जाने के बाद 24 घंटों के भीतर कैलाश भाटी का स्वास्थ्य ठीक हो गया और उसको वापस जेल भेज दिया गया है।
एमएलसी नरेंद्र भाटी का भाई है कैलाश भाटी
यहां आपको बता दें कि कैलाश भाटी समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आए एमएलसी नरेंद्र भाटी का छोटा भाई है। कैलाश भाटी तुस्याना भूमि घोटाले का चार्जशीट आरोपी है। जिला न्यायालय और हाईकोर्ट कैलाश भाटी की जमानत याचिका खारिज कर चुके हैं। तुस्याना भूमि घोटाले की शिकायत करने वाले डॉ.यतेंद्र भाटी ने कैलाश भाटी और उसके परिवार से अपनी जान को खतरा बताया है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने उसे जमानत देने से इंकार किया है।
ऑपरेशन रसूखदार से कैलाश भाटी पर खड़े हुए सवाल
कैलाश भाटी की यह ऐश कई सवाल खड़े करती है। पहला सवाल, क्या कैलाश भाटी खुलेआम मोबाइल का इस्तेमाल कर सकता है?
दूसरा सवाल, क्या कैलाश भाटी को जिम्स के प्राइवेट वॉर्ड में एयर कंडीशनर, कोल्ड ड्रिंक्स, बाहर का खाना और ऐशोआराम मिल सकता है?
तीसरा सवाल, क्या बिना रोकटोक और दिन-रात कैलाश भाटी को लोगों से मिलने की इजाजत दी सकती है?
चौथा सवाल, कैलाश भाटी को ऐसी कौन सी बीमारी है, जिसके इलाज के लिए वह डेढ़ महीने से जिम्स के प्राइवेट वॉर्ड की ऐश ले रहा है?
पांचवां सवाल, कैलाश भाटी की निगरानी के लिए जिन पुलिस वालों की ड्यूटी लगी है, वे इस सब से बेदार क्यों हैं?
जिला कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर कैलाश भाटी किस जुर्म के लिए जेल गया और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका क्यों खारिज कर दी। कैलाश भाटी ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में बतौर मैनेजर लंबे अरसे तक कार्यरत रहा है। इसी दौरान तुस्याना गांव में अरबों रुपये का भूमि घोटाला हुआ। इस घोटाले के मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह को फायदा पहुंचाने के लिए कैलाश भाटी ने जालसाजी की। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कैलाश को पिछले साल 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। उस पर आईपीसी की धाराओं 406, 420, 467, 468, 471 और 120-B के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। पहले गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
कैलाश भाटी को हाईकोर्ट ने इसलिए नहीं दी जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2023 को यह कहते हुए कैलाश भाटी की जमानत याचिका ख़ारिज की, "आरोपी ऊंचे पद पर कार्यरत और रसूखदार है। शिकायत करने वाले ने अपनी जान को खतरा बताया है। मामले की जांच और ट्रायल के दौरान गवाहों व सबूतों को प्रभावित कर सकता है। मामले की खूबियों या खामियों पर कोई राय व्यक्त किए बिना यह न्यायालय आवेदक को जमानत देने के लिए अच्छा आधार नहीं पाता है। लिहाजा, जमानत अर्जी खारिज की जाती है। "कुल मिलाकर साफ़ है, अदालत में भले ही कैलाश भाटी का रसूख काम नहीं आया, लेकिन उसने जेल से बाहर फाइव स्टार सहूलियतें हासिल करने का इंतजाम कर लिया।