बड़ी खबरः ग्रेटर नोएडा में उद्योगों को एसटीपी से मिलेगा पानी, ऐसा करने वाला देश का पहला शहर बना, जानें पूरा प्लान

Tricity Today | Greater Noida Authority



Greater Noida: शहर में तेजी से गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने बड़ी पहल शुरू कर दी है। ऐसा करने वाला ग्रेटर नोएडा देश का पहला शहर है। शहर के आईआईटीजीएनएल की हाईटेक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में उद्योगों के लिए भूजल का उपयोग नहीं होगा। पेयजल को छोड़कर अन्य उद्योगों के लिए पानी की जरूरत एसटीपी से पूरी होगी। यह देश का पहला शहर होगा, जहां एसटीपी के शोधित पानी से सभी जरूरतें पूरी की जाएंगी। इस पर काम शुरू हो चुका है। दिवाली तक उद्योगों को एसटीपी से शोधित पानी मिलने लगेगा।

750 एकड़ में बन रहा टॉउनशिप
दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Delhi-Mumbai Industrial Corridor) और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) की तरफ से करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई जा रही है। इस टाउनशिप में अब तक पांच बड़ी कंपनियां अपना प्लांट लगा रही हैं। इनमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। हायर कंपनी बहुत जल्द उत्पादन भी शुरू करने जा रही है। इन उद्यमों में करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उद्योगों की जरूरत के लिए केंद्रीय भूगर्भ जल आयोग से भूजल निकालने की अनुमति नहीं मिली है। सिर्फ पीने के लिए गंगाजल की अनुमति मिली है। ऐसे में उद्योगों की जरूरत कैसे पूरी होगी, यह बड़ा सवाल बन गया था।

9 करोड़ की लागत आएगी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और आईआईटीजीएनएल के एमडी नरेंद्र भूषण (CEO Narendra Bhooshan IAS) ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित पानी पहुंचाने का निर्णय लिया। इस पर सभी की सहमति बन गई और तत्काल काम भी शुरू कर दिया गया। कासना स्थित 137 एमएलडी क्षमता वाले प्लांट से शोधित करके पानी पहुंचाया जाएगा। एसटीपी से टाउनशिप तक पानी पहुंचाने के लिए करीब 9 किमी लंबी पाइपलाइन डाली जानी है। पाइपलाइन व अन्य नेटवर्क तैयार करने में करीब 9 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह खर्च आईआईटीजीएनएलड वहन कर रहा है। पाइप लाइन डालने का काम शुरू हो गया है।

दीपावली तक मिलने लगेगा पानी
अधिकारियों ने बताया कि दीवाली तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। जिससे टाउनशिप में औद्योगिक इकाइयों के चालू होने पर पानी की किल्लत न हो। मौजूदा समय में वहां के उद्योगों के लिए करीब पांच एमएलडी पानी रोजाना की दरकार है। बाद में यह जरूरत 15 एमएलडी तक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही आईआईटीजीएनएल की यह टाउनशिप उन चंद शहरों में शुमार हो जाएगी, जहां पर भूजल का दोहन शून्य है। इंटीग्रेटेड टाउनशिप में एसटीपी से शोधित पानी पहुंचने से न सिर्फ उद्योगों की जरूरत पूरी हो सकेगी, बल्कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रोजाना करीब एक लाख रुपये की आमदनी भी होगी। बाद में यह रकम तीन गुना बढ़ जाएगी। यह रकम एसटीपी के संचालन में खर्च होगी।

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