यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) का संचालन कर रहे इनसाल्वेंसी रीजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) अनुज जैन को ग्रेटर नोएडा की बीटा-2 कोतवाली पुलिस (Noida Police) ने मुंबई से गिरफ्तार किया है। यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) की शिकायत पर बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने आईआरपी अनुज जैन, आईआईएमसी और जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech) के अधिकारियों पर मामला पंजीकृत किया है। यह एफआईआर मथुरा में एक हादसे में सात लोगों की मौत के बाद दर्ज करवाया गया था। इसके बाद से ही उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू हो गया था। बुधवार को यमुना प्राधिकरण ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। अब पुलिस ने आईआरपी को गिरफ्तार कर लिया है।
110 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था
शिकायत में यमुना प्राधिकरण की तरफ से कहा गया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों को लागू करने में यह सभी लापरवाही बरत रहे हैं। इसके बाद से ही एक्सप्रेसवे के संचालकों में अफरा-तफरी मच गई है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए 110 करोड़ रुपये का टेंडर जारी कर दिया गया है। मगर प्राधिकरण उनकी इस दलील से संतुष्ट नहीं है। क्योंकि करीब दो वर्षों में इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है।
अनुज जैन को ग्रेटर नोएडा लेकर आ रही है पुलिस
इनसाल्वेंसी रीजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) अनुज जैन की गिरफ़्तारी के बाद संचालक कंपनियों में हड़कंप मच गया है। ग्रेटर नोएडा पुलिस की टीम आरोपी अनुज जैन को मुंबई से लेकर आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि अनुज जैन की लापरवाही के कारण एक्सप्रेसवे पर मौत का सिलसिला जारी है। अभी इस मामले में और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। दूसरी ओर जानकारी मिली है कि इस मामले में दूसरे आरोपी एंटीसिपेटरी बेल के लिए अदालत गए हैं।
दर्दनाक हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी
दरअसल, बीते बुधवार की सुबह ही यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले में एक दर्दनाक हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी। डीजल से भरा एक टैंकर अनियंत्रित होकर एक्सप्रेसवे के दूसरी तरफ नोएडा आ रही कार से टकरा गया था और कार पर पलट गया। कार में सवार सभी सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद यमुना प्राधिकरण ने सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर नहीं लगाने को लेकर आईआरपी अनुज जैन, आईएमसी और जेपी इंफ्राटेक के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
सीईओ अरुणवीर सिंह के आदेश पर हुई एफआईआर
प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा की बीटा-2 थाने में मामला पंजीकृत हुआ है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा - 283, 431 और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम-1932 की धारा-7 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके बाद से बीटा-2 पुलिस सभी संबंधित लोगों की तलाश कर अनुज जैन को गिरफ्तार किया है।
यह है पूरा मामला
अथॉरिटी ने अपनी तहरीर में कहा था कि आईआरपी अनुज जैन और आईएमसी जानबूझकर आईआईटी दिल्ली द्वारा दिए गए फाइनल ऑडिट रिपोर्ट में सुरक्षा के संबंध में उल्लिखित सुझावों से जुड़े कार्य निर्धारित समय में पूरा नहीं करा रहे हैं। बार-बार इन प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने की समयसीमा बदली जा रही है। आईआरपी और आईएमसी, आईआईटी दिल्ली के सुझावों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों में जान-माल की अत्यधिक हानि हुई है। हालांकि ये यमुना एक्सप्रेस-वे के टोल पर टोल टैक्स की उगाही कर रहे हैं।
सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण सेंट्रल वर्ज में क्रैश बैरियर लगाने में ढिलाई की जा रही है। इसका खामियाजा मासूम मुसाफिरों को भुगतना पड़ रहा है। निर्धारित समय पर काम पूरा हो गया होता, तो मथुरा में बुधवार की सुबह हुआ दर्दनाक हादसा नहीं होता। प्राधिकरण ने कहा है कि आईआरपी और आईएमसी अनुज जैन इन सभी दुर्घटनाओं और क्षति के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं।