ग्रेटर नोएडा : सीईओ रितु माहेश्वरी से मिले खैरपुर गांव के किसान, लीजबैक और आबादी के नाम पर हुआ घोटाला

Tricity Today | Ritu Maheshwari



Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के खैरपुर गुर्जर गांव में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) के तय नियमों से अधिक आबादी की जमीन छोड़ी गई है। यह मामला शासन तक पहुंच चुका है। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में जन सुनवाई के दौरान किसानों ने उठाया है। खैरपुर गुर्जर गांव में जिन खेतों के खसरा नम्बरों में कभी किसी तरह की आबादी नहीं थी, उन खसरा ननबरों की भी लीजबैक कर दी गई हैं। किसानों का कहना है कि उस जमीन पर फर्जी तरीके से आबादी दर्शा दी गई हैं। 

तहसीलदार और किसान नेता ने फर्जीवाड़ा किया
किसानों ने सीईओ रितु महेश्वरी को बताया कि फर्जी आबादी दर्ज करवाकर आनन-फानन में लीजबैक कर दी गईं। फर्जी आबादी दर्ज करवाकर बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करवा दिया गया। इस मामले में शासन से शिकायत दर्ज कराई गई है। जिस पर शासन ने संज्ञान लेते हुए एसआईटी जांच करवाई। खैरपुर गुर्जर गांव के सुरेद्र, मुनेंद्र, ओमवीर प्रधान, अशोक कुमार, अरुण खारी, जयचंद, ज्ञानेंद्र, राजकुमार, ब्रह्म सिंह, उम्मेद सिंह और नवीन खारी समेत दर्जनों किसानों ने जन सुनवाई में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु महेश्वरी से मुलाकात की। उन्हें अवगत कराते हुए बताया कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे तत्कालीन तहसीलदार जितेंद्र सिंह ने किसान नेता हरेंद्र सिंह से मिलकर अकेले जगत सिंह पुत्र रामचंद्र के नाम खसरा नंबर 205, 458, 579 और 581 में 13,275 वर्ग मीटर जमीन की लीजबैक 18 फरवरी 2018 में कर दी गई। जबकि उत्तर प्रदेश शासन के आदेशानुसार केवल एक व्यक्ति के नाम तीन हजार वर्ग मीटर जमीन की ही लीजबैक हो सकती है। 

किसानों ने कहा- अथॉरिटी को सैकड़ों करोड़ का नुकसान
सीईओ से मिलकर किसानों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार जितेंद्र सिंह ने खैरपुर गुर्जर गांव में इस तरह कई लोगों को लीजबैक के जरिए गैर कानूनी तरीके से लाभ दिया है। इस पूरे खेल में भ्रष्टाचार हुआ है। शासन से शिफ्टिंग पॉलिसी बने बगैर पहले जगत सिंह व धनपाल पुत्र नैहपाल के नाम 80 मीटर चौडे रोड पर आबादी शिफ्ट की गई। इस खेल से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को कई सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ से मांग की है कि खैरपुर गुर्जर गांव में तहसीलदार जितेंद्र सिंह की मिली भगत से छोड़ी गई सैकड़ों बीघा आबादी और लीजबैक के मामलों की जांच की जाए। जिससे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को कई सौ करोड़ रुपये की जमीन मिल वापस जाएगी।

अथॉरिटी को अरबों रुपये का फायदा होगा
किसानों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी इस जमीन पर कई बड़ी योजनाएं ला सकती है। किसानों को आबादी के भूखण्ड इस जमीन पर आवंटित किए जा सकते हैं। हजारों करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे प्राधिकरण को उबारने में मदद मिलेगी।

अन्य खबरें