Makar Sankranti 2021 : ज्योतिष शास्त्र में खिचड़ी दान किए जाने के फायदे सुनकर हैरान रह जाएंगे आप, शास्त्रों में इसलिए मकर संक्रांति वाले दिन है खिचड़ी दान का विधान

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मकर संक्रांति वाला दिन दान और स्नान के लिए शास्त्रों में बेहद महत्वपूर्ण दिन माना गया है। इस दिन खिचड़ी दान किए जाने का विधान है। बावजूद इसके बहुत से लोग यह नहीं जानते कि मकर राशि सूर्य और शनि के मिलन के दिन ज्योतिष शास्त्र में खिचड़ी दान का महत्व क्या है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों राशियों के मिलन को अद्भुत संयोग माना गया है। ऐसा भी उल्लेख है कि इस दिन इस सहयोग के चलते ग्रहों की और वातावरण की ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है। इस बढ़ोतरी की वजह से केवल प्राकृतिक वस्तुओं को स्पर्श करने मात्र से ग्रहों को शांति भी दिलाई जा सकती है।

ज्योतिषाचार्य और कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित संतोष जी पाधा ने जानकारी दी कि ज्योतिष शास्त्र में प्रकृति का महत्व बहुत अधिक है। ऐसे में प्रकृति से मिलने वाली तमाम सामग्रियां ऐसी है जिनको विभिन्न ग्रहों का प्रतीक माना गया है। मकर संक्रांति वाले दिन वातावरण की ऊर्जा बढ़ने की वजह से इन प्राकृतिक वस्तुओं को स्पर्श करने मात्र से शरीर में विभिन्न ग्रहों की ऊर्जा प्रवेश कर जाती है। यह सर्व सत्य है कि ग्रहों को संचालित करने के लिए सूर्य की ऊर्जा और तेज बेहद महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति वाले दिन से सूर्य अपनी ऊर्जा में बढ़ोतरी करता है। सूर्य की इसी ऊर्जा से विभिन्न ग्रह भी अपनी ऊर्जा में परिवर्तन करते हैं। विभिन्न ग्रहों कि इसी ऊर्जा में परिवर्तन होने का लाभ विभिन्न प्राकृतिक वस्तुओं को स्पर्श करने से शरीर में प्रवेश करता है। यही वजह है कि मकर संक्रांति के दिन दान स्नान के साथ ही विभिन्न ग्रहों और तारामंडल से निकलने वाली ऊर्जा को भी शरीर में संतुलित करने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण हो जाता है।

खिचड़ी में छिपे है नवग्रह : 
ज्योतिष शास्त्र और तंत्र शास्त्र के अनुसार खिचड़ी बनाने और खिचड़ी को भोजन के रूप में ग्रहण करने के दौरान उपयोग होने वाली सामग्रियों में नवग्रह के लाभ छिपे हुए हैं। खिचड़ी में उपयोग होने वाली सामग्रियों को वास्तुदोष संबंधी समस्या के समाधान के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। ऐसे में पूरी तरह से प्राकृतिक और नवग्रह बनाए जाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को मकर राशि और सूर्य और शनि के मिलन के समय स्पर्श करने से नव ग्रह को प्रसन्न करने का मौका मिलता है।

खिचड़ी के तत्वों में यह है रहस्य : 
  1. चावल : ज्योतिष शास्त्र में चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है। ऐसी स्थिति में संक्रांति के दिन चावल का स्पर्श और दान दिए जाने से चंद्रमा संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।
  2. उड़द की दाल : उड़द की दाल को ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का प्रतीक माना जाता है। उड़द की दाल का संक्रांति पर स्पर्श और दान दिया जाना कुंडली में शनि संबंधी दोष को कम करता है।
  3. दही : ज्योतिष शास्त्र में दही को शुक्र का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दिन दही स्पर्श या दान दिए जाने से कुंडली में शुक्र ग्रह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
  4. हरी मटर या धनिया : हरी मटर धनिया को ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह का प्रतीक माना गया है। यही वजह है कि खिचड़ी दान के समय हरी मटर या फिर धनिया को शामिल किया जाता है।
  5. देसी घी : यदि कुंडली में गुरु ग्रह संबंधी समस्या आ रही है तो खिचड़ी दान के समय देसी घी को शामिल किए जाने से यह समस्या कुंडली से धीरे-धीरे दूर हो जाएगी।
  6. जल, आलू या चटनी : सूर्य को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में जल आलू या फिर विभिन्न सामग्रियों से बनी हुई लाल चटनी को स्पर्श या दान के लिए निर्देशित किया गया है।
  7. गुड़ : मकर संक्रांति में खिचड़ी के साथ गुड़ का दान और स्पर्श मंगल ग्रह की ऊर्जा को कुंडली में संतुलित करने के लिए जोड़ा जाता है।
  8. पापड़ : विभिन्न दाल से बने हुए पापड़ खिचड़ी के साथ दान किए जाने से राहु संबंधी समस्या का समाधान होता है।
  9. अचार : सरसों के तेल में कई दिन तक रखी हुई सब्जियां और फलों का अचार मकर संक्रांति के दिन दान दिए जाने से केतु संबंधी समस्या का समाधान होता है।
  10. इसे माना गया है संपूर्ण खिचड़ी दान : चावल, उड़द की दाल, काले तिल, सफेद तिल, देसी घी, नमक, हरी मटर, आलू, हल्दी, गर्म वस्त्र, दक्षिणा, ताबे का पात्र, जल और दक्षिणा।

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