New Delhi/Greater Noida : बाइक बोट घोटाले में अब लाखों पीड़ितों के पास तक मदद की रौशनी आने लगी है। पीड़ितों को लगने लगा है कि अब उनको अपना पैसा वापस मिल जाएगा। दरअसल, बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बाइक बोट घोटाले को लेकर सुनवाई हुई। इस सुनवाई में कंपनी से पीड़ितों का पैसा वापस लौटने के लिए कहा गया है। इसके अलावा परिवर्तन निदेशालय यानी कि ईडी ने भी कंपनी से जब्त संपत्ति का विवरण सुप्रीम कोर्ट ने मांगा है।
फिलहाल 3 याचिकाओं पर चल रही सुनवाई
बाइक बोट मामले में लाखों पीड़ित सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। लगातार इस मामले में सुनवाई हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान के रहने वाले मनीष लेखवानी और नासिक के रहने वाले मीनालाल बाबू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब सुनवाई चल रही है। इसके अलावा एक और याचिका दाखिल की गई थी। बाइक बोट घोटाले में फिलहाल 3 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई चल रही है।
कंपनी की संपत्ति को बेचकर पैसा लौटाया जाएगा
बुधवार को सुनवाई होते समय पीड़ितों ने अपनी दलीलें पेश की और न्यायाधीश से पैसे वापस करने को लेकर गुहार लगाई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी से पूछा कि वह पीड़ितों का पैसा कैसे वापस देगा, इसको लेकर क्या योजना बनाई गई है? इसके अलावा मामले की जांच कर रही टीमों से भी संपत्ति का विवरण मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से सवाल पूछते हुए कहा कि अभी तक बाइक बोट घोटाले में कितना पैसा जब्त किया गया है। इस मामले में बाइक बोट के अधिवक्ता का कहना है कि कंपनी की संपत्ति को बेचकर लोगों का पैसा लौटाया जाएगा।
क्या थी बाइक बोट स्कीम
साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरुआत की थी। वर्ष 2018 में यह बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई। इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,100 रुपये का निवेश कराया गया था। उसके एवज में एक साल तक प्रतिमाह 9,765 रुपये देने का वादा किया गया था। निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए। बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए थे।