ग्रेटर नोएडा का मुद्दा : डीएम ने किसानों को दिया 10 जुलाई तक का समय, मांग पूरी नहीं हुई तो दिल्ली कूच करेंगे

Tricity Today | कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन



Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने अपनी कई मांगों को लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में किसान आक्रोशित हुए। दरअसल, किसानों के काफी सारे मुद्दे हैं। जिसको लेकर उनको लगातार सिर्फ आश्वासन मिल रहे है, लेकिन समाधान नहीं हो रहा। अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर किसानों ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद डीएम मनीष कुमार वर्मा ने उनकी समस्याओं को सुना और 10 जुलाई तक का समय दिया है। 

अभी तक खत्म नहीं हुई समस्याएं
समाजवादी पार्टी और किसान नेता मोहित नागर ने कहा, "जिले का किसान काफी समय से परेशान है। नए कानून के तहत मुआवजा मिलना, 10% प्लॉट देना और 64% का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। जब भी इस मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और सरकार से बातचीत करने का प्रयास किया जाता है तो केवल आश्वासन मिलता है। यह आश्वासन हमें पिछले करीब डेढ़ साल से मिल रहा है। जब भी किसान धरने पर बैठते हैं तो उनको झूठा आश्वासन देकर उठा दिया जाता है।"

योगी आदित्यनाथ के आगमन पर उठा था धरना
उन्होंने बताया कि जब पिछली बार किसान प्रदर्शन करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने बैठे थे तो कुछ दिन बाद योगी आदित्यनाथ के आगमन का कार्यक्रम लगा था, इसके बाद हमें झूठा आश्वासन मिला। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने कह दिया कि हाई पावर कमेटी का गठन हो गया है। बहुत जल्द मामला सुलझ जाएगा। अब हाई पावर कमेटी के गठन को भी काफी महीने बीत गए हैं। हाई पावर कमेटी को 90 दिन का समय दिया गया था, लेकिन वह भी ज्यादा हो गया है। उसके बावजूद भी इस मामले में अब सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है, जिसकी वजह से किसान प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। 

अब दिल्ली और लखनऊ कूच की तैयारी
एक अन्य किसान नेता ने बताया कि बुधवार को भारी संख्या में इकट्ठा होकर लोग कलेक्ट पहुंचे और प्रदर्शन किया। इस दौरान मौके पर नोकझोंक की स्थिति पैदा हो गई। तनाव बढ़ता देख गौतमबुद्ध नगर के जॉइंट पुलिस कमिश्नर मौके पर आ गए। उन्होंने किसानों को समझने का प्रयास किया, जब हालात काबू से बाहर हो गए तो जिलाधिकारी मौके पर आए। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अब 10 जुलाई तक का समय दिया है। उसके बाद भी अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो दिल्ली और लखनऊ के लिए किसान कूच करेंगे।

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