जहरीली शराब फैक्ट्री : दो दिन बाद होश में आए तस्कर ने खोला राज, बच गया वेस्ट यूपी का यह जिला

Tricity Today | जहरीली शराब फैक्ट्री



ग्रेटर नोएडा में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री चल रही है, यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि बुलंदशहर में जहरीली शराब कांड के एक अभियुक्त ने किया है। दरअसल, उसने खुद भी शराब पी थी। जिसके असर से वह बेहोश हो गया था। उसे ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती करवाया गया था। रविवार को उसे होश आया। जिसके बाद बुलंदशहर पुलिस ने उससे पूछताछ की थी। इस पूछताछ के बाद बुलंदशहर पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस को पूरी जानकारी दी और रविवार की शाम यूपीएसआईडीसी की साइट फाइव में छापामारी की गई। इस पूरे खुलासे में बड़ी बात यह है कि बुलंदशहर के बाद मुजफ्फरनगर के लोग जहरीली शराब की चपेट में आने से बाल-बाल बचे हैं। यह जानकारी ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार सिंह ने दी है।

डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने कहा, "बुलंदशहर के रहने वाले कालू उर्फ सुरेंद्र को वहां की पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में शनिवार को भर्ती करवाया था। वह जहरीली शराब पीने के कारण बेहोश हो गया था। उसे रविवार को होश आया। जिसके बाद बुलंदशहर पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसने पूछताछ में बताया कि ग्रेटर नोएडा साइट फाइव में फैक्ट्री नंबर ए-3/13 है। वहां प्रदीप और संतोष शर्मा नाम के दो व्यक्ति जहरीली शराब पीकर मर गए हैं। उनकी लाशें फैक्ट्री में पड़ी हुई हैं।" डीसीपी ने आगे कहा, "यह जानकारी बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस को दी। इसके बाद दोनों जिलों की पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन किया। साइट फाइव की फैक्ट्री पर छापा मारा गया। सुरेंद्र के बताए अनुसार दो शव फैक्ट्री में पड़े मिले हैं। फैक्ट्री में 36 पेटी शराब मिली है। दस खाली ड्रम भी मिले हैं।"

डीसीपी ने बताया कि प्रदीप और कालू बुलंदशहर जहरीली शराब कांड के अभियुक्त हैं। पुलिस ने बुलंदशहर में हुई मौतों के बाद कालू को तलाश करने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन वह मरणासन्न अवस्था में मिला था। प्रदीप इस मामले में अभियुक्त था। ग्रेटर नोएडा की फैक्ट्री से उसकी लाश बरामद हुई है। संतोष शर्मा भी इन लोगों के साथ काम करता था।

ग्रेटर नोएडा में मिली शराब मुजफ्फरनगर सप्लाई होनी थी
बुलंदशहर के साथ ही मुजफ्फरनगर में भी जहरीली शराब की आपूर्ति की जानी थी। बुलंदशहर में एकदम से हुई मौतों के बाद शायद मुजफ्फरनगर शराब की आपूर्ति नहीं की जा सकी थी। दरअसल, ग्रेटर नोएडा की यूपीएसआईडीसी साइट पांच में मिली शराब मुजफ्फरनगर के लिए रखी गई थी। ग्रेटर नोएडा के डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि फैक्ट्री में मिली 36 पेटी शराब की जांच की गई है। उस पर छपे बारकोड से पता चलता है कि इस शराब की आपूर्ति मुजफ्फरनगर की जानी थी। अगर यह शराब मुजफ्फरनगर पहुंच जाती तो वहां भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती थी।

शराब कहां बनी, जांच में जुटी आबकारी विभाग
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ग्रेटर नोएडा की फैक्ट्री में पकड़ी गई अवैध शराब कहां बनी थी। एक तरफ बुलंदशहर पुलिस का मानना है कि यह शराब ग्रेटर नोएडा की फैक्ट्री में बनी थी और वहां से बुलंदशहर ले जाकर सप्लाई की गई। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर पुलिस के अफसरों का कहना है कि फैक्टरी के हालात को देखकर साफ लगता है कि यह शराब यहां बनी नहीं थी। बुलंदशहर में हुए कांड के बाद आरोपियों ने इस शराब को यहां लाकर छुपाया था। शराब कहां बनी, यह पहेली सुलझाने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग को दी गई है। बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर आबकारी विभाग के अफसर छानबीन में जुट गए हैं।

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