BIG BREAKING : बाइकबोट घोटाले में प्रयागराज हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, नौ महीनों में मुकदमों की सुनाई पूरी करें अदालत

Tricity Today | Bike Boat Scam



Greater Noida/Prayagraj : गौतमबुद्ध नगर में हुए हजारों करोड़ रुपए के बाइक बोट घोटाले में प्रयागराज हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को आदेश दिया है कि घोटाले से जुड़े मामले की सुनवाई 9 महीने में पूरी करें। दरअसल, इस घोटाले का शिकार हुए मीना लालबाबू चौधरी और मनीष लेखवानी नाम के निवेशकों ने प्रयागराज हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचियों के पक्ष सुनने के बाद अदालत ने बाइक बोट घोटाले के आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमों में जल्दी से जल्दी फैसले सुनाने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा- नौ महीनों में सुनवाई पूरी करें
मनीष लेखवानी ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने बाइक बोट कंपनी में निवेश किया था। उनके साथ कंपनी निदेशकों ने जालसाजी और धोखाधड़ी की है। उन्होंने वर्ष 2019 में केस क्राइम नंबर 509 आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471, 201 और 120-बी के तहत दादरी कोतवाली में दर्ज करवाया था। अब इस मुकदमे पर गौतमबुद्ध नगर के अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की अदालत में ट्रायल नंबर 14362/2019 चल रहा है। मनीष लेखवानी ने अदालत को बताया कि यह मुकदमा 2019 से लेकर अभी तक लंबित पड़ा हुआ है और वह मुकदमे की प्रगति से संतुष्ट नहीं हैं। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस उमेश कुमार ने निचली अदालत को आदेश दिया है कि मुकदमे की सुनवाई विधि सम्मत यथासंभव पूरी करें।

इसी तरह एक दूसरा मुकदमा मीना लालबाबू चौधरी ने हाईकोर्ट में दायर किया। उन्होंने बताया कि उनका मुकदमा भी गौतमबुद्ध नगर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के न्यायालय में वर्ष 2019 से चल रहा है। इस मामले में जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत ने एसीजेएम को आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि इस आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त होने के बाद 9 महीने में सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाएं। इन मुकदमों से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रयागराज हाईकोर्ट का यह आदेश आने के बाद बाइक बोट घोटाले के आरोपियों के खिलाफ चल रहे ट्रायल्स में तेजी आएगी।

यह थी बाइक बोट स्कीम
साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरुआत की और 2018 में यह बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई। इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,100 रुपये का निवेश कराया गया था। उसके एवज में एक साल तक प्रतिमाह 9,765 रुपये देने का वादा किया गया था। निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए। बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए थे। 

आरोपी संजय भाटी समेत 24 आरोपी जेल में
इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जिसमें दो आरोपी मोंटी भसीन और दिनेश पांडेय को जमानत मिल चुकी है और अब कुल 24 आरोपी गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद है। इस मामले में अभी मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल समेत 4 आरोपी अभी फरार हैं जिनको अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस अब तक दीप्ती बहल, लोकेन्द्र, भूदेव और बिजेंद्र हुड्डा को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बिजेंद्र हुड्डा इस समय भारत से बाहर है। इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका है।

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