Tricity Today | किसानों को संबोधित करते पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर और दिग्गज नेताओं ने किसान सम्मेलनों में बात रखनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में गुरुवार को पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी राधामोहन सिंह गौतमबुद्ध नगर के दादरी कस्बे में पहुंचे। किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व कृषि मंत्री ने विपक्ष पर जमकर हमला किया। वह बोले, "70 साल से किसान को कांग्रेस की सरकारों ने गुलाम बना कर रखा था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी दी है तो कांग्रेस को दर्द हो रहा है।" पूर्व कृषि मंत्री ने किसानों को 45 मिनट के भाषण के जरिए नए कानूनों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
राधा मोहन सिंह ने कहा, "हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार वर्ष 2004 में अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में राष्ट्रीय किसान आयोग की स्थापना की गई थी। वर्ष 2006 में इस आयोग की सिफारिश पर न केवल कृषि के उन्नयन के लिए सुझाव दिए गए थे, बल्कि किसानों के परिवारों के आर्थिक हित के लिए भी सुझाव दिए गए थे। आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर स्वामीनाथन ने 6 अगस्त 2018 के अपने एक लेख में लिखा, 'यद्यपि राष्ट्रीय किसान आयोग की रिपोर्ट वर्ष 2006 में प्रस्तुत की गई थी, परंतु जब तक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार नहीं बनी थी, तब तक इस पर बहुत कम काम हुआ था। सौभाग्य से पिछले 4 वर्षों के दौरान किसानों की स्थिति में सुधार हो रहा है।"
पूर्व कृषि मंत्री ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। आज तक कभी भी वर्षभर में 75 हजार करोड रुपए भारत सरकार के खजाने से निकलकर किसान की जेब तक नहीं पहुंचा। ऐसा दुनिया में कहीं नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से आय सहायता की योजना प्रारंभ की गई। आज तक एक लाख करोड़ रूपया किसानों के अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है। किसान समृद्धि संपन्न हो, किसान संगठित हो, किसान को किसानी के लिए तकनीकी समर्थन मिल सके, इस दृष्टि से देश में 10,000 नए एफपीओ बनाने की घोषणा मोदी सरकार ने की है। यह सिर्फ घोषणा नहीं है। इस पर काम प्रारंभ हो गया है और 6850 करोड रुपए एफपीओ को समर्थन देने के लिए और आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्च किया जाएगा।"
राधा मोहन सिंह के गानों को संबोधित करते हुए बोले, "देश में दशकों तक यूपीए की सरकार रही, लेकिन उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू नहीं किया। मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को रिफॉर्म करके लागू किया है। मोदी सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा करते हुए यूपीए सरकार की तुलना में एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी की है। मोदी सरकार ने एमएसपी को डेढ़ गुना करने का निर्णय लिया। साथ ही खरीददारी भी बढ़ाई। कुछ राज्यों को छोड़कर किसानों को एमएसपी के दाम डीबीटी के माध्यम से दिए जा रहे हैं। जिस राजनीतिक दल ने दशकों तक देश पर शासन किया, उसने हमेशा किसान को अंधकार और गरीबी में रखा है। उन्हें यह बदलाव अच्छा नहीं लगा। वे सड़क से संसद तक इसका विरोध कर रहे हैं। यह वही लोग हैं, जिनके शासन में किसानों की हालत बद से बदतर होती चली गई।"
राधा मोहन सिंह ने पुरजोर ढंग से दावा किया, "भारतीय जनता पार्टी की पहली सरकार से ही किसानों के हितों में फैसले लिए गए हैं। नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री झूठी और लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की हैं। किसानों के हितों में बड़े फैसले लिए हैं। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गांव, गरीब किसान और खेतीबाड़ी पर बहुत तेजी से काम किया है। केंद्र सरकार ने किसान और खेतीबाड़ी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। अगर इस कानून के आने से पहले की पृष्ठभूमि को देखेंगे तो ध्यान में आएगा कि वर्ष 2014 में यूपीए की सरकार थी। उस समय कृषि मंत्रालय का बजट 12 हजार करोड रुपए होता था। आज मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट 1,34,000 करोड रुपए है। किसानों को समर्पित मोदी सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच भी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना को मजबूत करने के लिए एक लाख करोड रुपए का आवंटन किया है। इस पैकेज से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।"
भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने कहा, "स्वामीनाथन की बात बहुत की जाती है। स्वामीनाथन जी ने कहा कि राज्यों को निर्देश देना चाहिए कि वे निश्चित अवधि में अपने ऑडिट रिपोर्ट जमा करें, ताकि लाभार्थियों के एमएसपी पर उपार्जन का फायदा तत्काल मिल सके। अनाज और व्यवसायिक फसलों पर अप्रत्यक्ष करों की प्रणाली को रिव्यू किया जाना चाहिए। अनिवार्य मंडी टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए, बल्कि मंडी में उपलब्ध संरचना के इस्तेमाल पर सर्विस चार्ज लिया जाना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "वर्तमान विधेयक आने वाले कल में अधोसंरचना विकसित करने की दृष्टि से भी प्रेरित करेगा। एक राष्ट्रीय बाजार होना चाहिए। संविदा खेती के माध्यम से मार्केट लिंकेज स्थापित करना चाहिए।
मोदी सरकार मार्केट लिंकेज स्थापित करने के लिए कानून लाई है तो विरोधी स्वामीनाथन जी की बात नहीं मानना चाहते। पहले हमारे किसानों का बाजार सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित था। उनके खरीदार सीमित थे। बुनियादी ढांचे की कमी थी। मूल्यों में पारदर्शिता नहीं थी। इस कारण उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतारों, नीलामी में देरी और स्थानीय माफियाओं की मार झेलनी पड़ रही थी। अब इन विधायकों से कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा।
राधा मोहन सिंह ने किसानों से वादा किया कि खेती किसानी में निजी निवेश होने से तेज विकास होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी। किसानों का "एक देश एक बाजार" का सपना पूरा होगा। विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में संसद के दोनों सदनों में कृषि सुधार विधेयकों को पारित किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे। उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधायकों से अन्नदाता को आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा। उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।
किसान सम्मेलन में राज्यसभा के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री ठाकुर हरीश सिंह, दादरी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक तेजपाल नागर, गौतमबुद्ध नगर भाजपा के जिला अध्यक्ष विजय भाटी, नोएडा महानगर के अध्यक्ष मनोज गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अन्नू पंडित मुख्य रूप से उपस्थित रहे।