एनसीआर के लिए आज की सबसे बड़ी खबर : गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट जाएगी रैपिड मेट्रो, नोएडा, दिल्ली और मेरठ वालों को बड़ा फायदा, पढ़िए हर जानकारी

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Greater Noida News : नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गजियाबाद और ग्रेटर नोएडा वेस्ट समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर के लिए आज की सबसे बड़ी खबर है। गाजियाबाद से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे (Jewar International Airport) तक प्रस्तावित रैपिड रेल प्रोजेक्ट (Rapid Rail Project) की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मंगलवार को सामने आ गई है। डीपीआर बना रही कम्पनी ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Autority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह (Dr Arunvir Singh IAS) को डीपीआर सौंपी है। डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि अब को राज्य और केंद्र सरकार से डीपीआर के लिए मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद धरातल पर काम शुरू हो जाएगा।

रूट की लंबाई 72.44 किमी, 22 स्टेशन
डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने डीपीआर के बारे में बताया कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल से गाजियाबाद में यह नई लाइन कनेक्ट करेगी। गाजियाबाद से ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे तक इस रूट की लंबाई 72.44 किलोमीटर होगी। इस रूट पर 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। ये स्टेशन तीन श्रेणी के होंगें। इनमें 11 स्टेशन रैपिड रेल के लिए बनाए जाएंगे, 7 स्टेशन मेट्रो के लिए होंगे और 13 स्टेशन भविष्य के लिए बनाए जाएंगे। मतलब, शुरुआती दिनों में इन 13 स्टेशनों पर मेट्रो या रैपिड रेल नहीं रुकेगी। भविष्य में जब शहर की जनसंख्या बढ़ेगी तो इन स्टेशनों को भी खोल दिया जाएगा। भविष्य के 13 स्टेशनों में से 7 यमुना सिटी में और 6 ग्रेटर नोएडा शहर में बनाए जाएंगे।

एक रूट पर तीन सेवाएं मिलेंगी
इस रूट की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इस पर तीन तरह की ट्रेन संचालित की जाएंगी। रैपिड रेल, नॉर्मल रैपिड रेल और मेट्रो रेल का संचालन किया जाएगा। नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वाली एक्वा लाइन मेट्रो का करीब 10 किलोमीटर हिस्सा इस रूट पर होगा। रैपिड रेल की रफ्तार 114-140 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। नोर्मल रैपिड रेल की रफ्तार 84 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और मेट्रो रेल की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।

तीन ट्रेन का ऐसे उपयोग होगा
रैपिड रेल का उपयोग दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे तक जाने वाले यात्री करेंगे। नॉर्मल रैपिड रेल का इस्तेमाल दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच लंबी दूरी तय करने वाले निवासी करेंगे। मेट्रो रेल का इस्तेमाल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच सार्वजनिक यातायात के लिए किया जाएगा।

लागत 20,632 करोड़ रुपये आएगी
इस पूरी परियोजना की लागत 20,632 करोड़ रुपये आएगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की जनसंख्या को भी ध्यान में रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा में 1,55,281 फ्लैट और 35 हज़ार किसानों के घर हैं। यह पूरी आबादी 1,100 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर निवास करती है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 2,17,000 फ्लैट हैं। यह आबादी 605 हेक्टेयर इलाके में निवास कर रही है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की आबादी 35 लाख आंकी गई है। इसके दायरे में 1187 गांव हैं।

1. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) को गाजियाबाद आरआरटीएस से सबसे बढ़िया कनेक्टिविटी मिलेगी। गाजियाबाद स्टेशन पर आरआरटीएस नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। यह दिल्ली, आईजीआई एयरपोर्ट, गाजियाबाद, मेरठ, गुरुग्राम, मानेसर, सोनीपत और पानीपत जैसे शहरों के लिए तेज कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
2. आरआरटीएस सह मेट्रो प्रणाली गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन से नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच कनेक्टिविटी के लिए सार्वजनिक परिवहन का सबसे अच्छा माध्यम है।
3. गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच आरआरटीएस सह मेट्रो कनेक्टिविटी के लिए डीपीआर तैयार की गई है। जिसकी लंबाई 72.44 किमी है। गलियारे में कुल 22 स्टेशन होंगे। 
4. इनमें 11 आरआरटीएस सह मेट्रो स्टेशन और 11 स्टेशन केवल मेट्रो के रुकने के लिए बनाए जाएंगे। 13 भविष्य के स्टेशनों का भी प्रावधान होगा।
5. कॉरिडोर का प्रस्तावित अलाइनमेंट गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन से शुरू होगा और विश्वकर्मा रोड (गाजियाबाद में सिद्धार्थ विहार व प्रताप विहार), ताज हाईवे, चार मूर्ति चौक, ग्रेटर नोएडा लिंक रोड (नॉलेज पार्क-5) से होते हुए सूरजपुर-कासना रोड पर मुड़कर परी चौक, दनकौर, यमुना सिटी के सेक्टर-18 और सेक्टर-21 से गुजरेगा। यह आगे ग्राउंड ट्रांसपोर्ट सेंटर (एयरपोर्ट टर्मिनल-1 के सामने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जीटीसी) पर समाप्त होगा।
6. एनआईए के अंतिम स्टेशन को छोड़कर कॉरिडोर का अधिकांश हिस्सा एलिवेटेड होगा और भूमिगत होगा।
7. गाजियाबाद-एनआईए के बीच आरआरटीएस सह मेट्रो कॉरिडोर और चार मूर्ति चौक से नॉलेज पार्क-5 के बीच प्रस्तावित एक्वा लाइन मेट्रो विस्तार का 10 किमी हिस्सा इसमें समाहित होगा।
8. प्रस्तावित आरआरटीएस सह मेट्रो प्रणाली गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस, चार मूर्ती चौक पर एक्वा लाइन मेट्रो विस्तार, परी चौक के पास मौजूदा एक्वा लाइन के अल्फा-1 स्टेशन और जीटीसी में नोएडा हवाई अड्डे के साथ एकीकृत होगी।
9. प्रस्तावित आरआरटीएस सह मेट्रो संरेखण से वित्त वर्ष 2030-31 में लगभग 3.26 लाख दैनिक यात्री होने की उम्मीद है, जो वर्ष 2054-55 तक 7.57 लाख दैनिक यात्री हो जाएंगे।
10. आरआरटीएस बुनियादी ढांचे पर मेट्रो सेवाओं के संचालन के लिए लूप लाइनों का प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित प्रणाली में दो प्रकार की सेवाएं शामिल हैं, जिसमें आरआरटीएस की गति तेज होगी और यह सीमित स्टेशनों पर रुकेगी। तेज आरआरटीएस सेवा 114 किमी प्रति घंटा और सामान्य आरआरटीएस सेवा 84 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी।
11. 6 डिब्बों वाली आरआरटीएस का प्रस्तावित हेडवे वित्त वर्ष 2031-31 में 15 मिनट होगा और वित्त वर्ष 2054-55 में घटकर 7 मिनट हो जाएगा।
12. इस खंड पर 6 डिब्बों वाली मेट्रो के लिए प्रस्तावित हेडवे भी वित्त वर्ष 2030-31 में 15 मिनट होगा और वित्त वर्ष 2054-55 में घटकर 7 मिनट हो जाएगा।

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