अपार्टमेंट की नहीं लाइफस्टाइल की तलाश : ग्रेटर नोएडा में बढ़ी अपार्टमेंट्स की बिक्री, खरीददारों को एक करोड़ वाले घर पसंद

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Greater Noida News : ग्राहक अब सिर्फ एक अच्छे अपार्टमेंट की नहीं बल्कि एक पूरी लाइफस्टाइल की तलाश में हैं। इसका इसका जीता जागता उदाहरण नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहरों में रियल एस्टेट क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जो पहले किफायती और मध्यम श्रेणी की संपत्तियों के लिए जाने जाते थे, अब वहां प्रीमियम रियल एस्टेट के लिए सबसे मुफीद बन गए हैं।आंकड़ों के मुताबिक, पहले 40-80 लाख रुपये के दायरे तक सीमित संपत्तियां ही यहां उपलब्ध होती थीं, लेकिन अब नए प्रोजेक्ट लॉन्च होते हैं तो उनकी कीमतें अक्सर 1 करोड़ रुपये को पार कर जाती हैं। बहुत बार ये नए प्रोजेक्ट उन्हीं क्षेत्रों में और पुरानी परियोजनाओं की बची हुई भूमि पर निर्मित किए जा रहे हैं।

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जेएलएल की रिपोर्ट
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जेएलएल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ पिछले साल ही नोएडा में 24,944 करोड़ रुपये की कुल कीमत के 14,822 फ्लैट बिके। यह उछाल आवासीय अपार्टमेंट की औसत कीमत में काफी वृद्धि से स्पष्ट होता है, जो 2022 में 1.24 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 1.68 करोड़ रुपये हो गई। इतना ही नहीं 2023 में 3.5 करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले अपार्टमेंट्स ने कुल बिक्री का 23 प्रतिशत हिस्सा लिया। यह पहले की तुलना में एक बहुत बड़ा बदलाव है।

प्रति वर्ग फुट हुआ महंगा 
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्सपीरियन, एम3एम, गोदरेज, एस, कंट्री ग्रुप, मैक्स जैसे डेवलपर्स अल्ट्रा-लक्ज़री अपार्टमेंट और हाई-एंड स्टूडियो अपार्टमेंट पेश कर रहे हैं। एक्सप्रेस, डैसनैक, आरजी और अन्य समूहों ने भी 10 हजार रुपये प्रति वर्ग फुट से शुरू होने वाली तीन और चार बेडरूम वाली इकाइयों के साथ सीमित संख्या में टावर शुरू कर दिए हैं। कंट्री ग्रुप के आइवी काउंटी का मूल्य 2019 में 6 हजार रुपये प्रति वर्ग फुट था, लेकिन अब रेडी-टू-मूव इकाइयों में यह 15 हजाररुपये प्रति वर्ग फुट है। वहीं, हाल ही में लॉन्च किए गए आइवरी काउंटी में दरें 15 हजार से 16,500 रुपये प्रति वर्ग फुट के दायरे में हैं। आइवी काउंटी नोएडा के सेक्टर 75 में स्थित है, जबकि आइवरी काउंटी सेक्टर 115 में है।

भरपूर कनेक्टिविटी
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्रांतिकारी परिवर्तन कई कारकों से प्रेरित है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है बुनियादी ढांचे का विकास, अटकी पड़ी परियोजनाओं का पूरा होना और अनुकूल नीतिगत बदलाव है। बुनियादी ढांचे के विकास में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण, समर्पित औद्योगिक क्षेत्रों का सृजन, डेटा सेंटर भूमि बैंक तैयार करना और सड़कों, रेलवे और मेट्रो लाइनों का एक विस्तृत नेटवर्क बनाना शामिल है।

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