Greater Noida: दिल्ली-हावड़ा डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर आरओबी के निर्माण में बड़ी बाधा आ रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से लेकर दनकौर तक इस रूट पर 7 आरओबी बनाए जाने हैं। लेकिन दादरी की ओर रेलवे लाइन के साथ जमीन नहीं मिलने से इस प्रोजेक्ट में अड़चन आ रही है। जिला प्रशासन और राज्य सेतु निगम किसानों से जमीन खरीदने के लिए प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अब तक इसमें बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है ।
सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा की मांग पर अड़े किसान
दरअसल किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा की मांग पर अड़े हैं। जबकि जिला प्रशासन, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की तर्ज पर 3500 रुपये की दर से जमीन खरीदने का मन बना चुका है। खींचतान की वजह से आरओबी का काम अधर में लटक गया है। सात आरओबी ग्रेटर नोएडा से सीधे जीटी रोड से कनेक्ट होंगे। इनमें सबसे बड़ा 6 लेन का आरओबी पल्ला बोड़ाकी गांव के पास बन रहा है। यह सीधे परी चौक और जीटी रोड से कनेक्ट होगा। जबकि अन्य आरओबी 2 से 4 लेन के बनाए जाएंगे।
444 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे
इन सभी पर 444 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हालांकि कुल प्रस्तावित 7 में से कई का निर्माण शुरू हो गया है। लेकिन ग्रेटर नोएडा फेस टू में रेलवे लाइन के पास जमीन की कमी निर्माण में बड़ी बाधा बन रही है। ग्रेटर नोएडा से दिल्ली-कानपुर रेलवे रूट पर चिपियाना, मायचा, चिरसी, रिठौरी, अजायबपुर, पल्ला और रामगढ़ रेलवे फाटक पर आरओबी बनाए जा रहे हैं।
राज्य सेतु निर्माण निगम के इंजीनियर ओमप्रकाश ने बताया कि जिला प्रशासन ने आरोपी के निर्माण के लिए जरूरी जमीन अधिग्रहण करने के लिए धारा 11 का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। जल्दी जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो जाएगा। जहां भूमि अधिग्रहित हो गई है, वहां निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इस डेडीकेटेड रेल कॉरिडोर का निर्माण डेडलाइन में पूरा कराया जाएगा।