अच्छी खबर : ग्रेटर नोएडा के छात्रों ने बनाए हल्के ड्रोन, अस्पताल और पैथोलॉजी लैब्स को देंगे फायदा

Google Image | ग्रेटर नोएडा के छात्रों ने बनाए हल्के ड्रोन



Greater Noida : जनपद के कॉलेजों के छात्र कभी रोबोट कार बना रहे हैं कभी हल्के ड्रोन बनाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। हाल में ही गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी में छात्र हल्के ड्रोन बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस ड्रोन की खासियत और ड्रॉनों से अलग होगी। बताया जा रहा है कि जो छात्र ड्रोन बना रहे हैं, वह अस्पताल और पैथोलॉजी लैब के लिए लाभदायक होगी। ब्लड बैंक से ब्लड लाना हो या फिर लैब में ब्लड सैंपल ले जाना हो इस काम में यह ड्रोन बहुत काम आने वाले हैं। खास बात ये है कि आगे चलकर इन्हीं ड्रोन में बदलाव कर इन्हें पिज्जा-बर्गर की डिलीवरी के काम में भी लिया जा सकेगा। फिलहाल छात्र ड्रोन को विकसित करने के लिए दिन रात लगे हुए हैं।

इंफेक्शन का खतरा कम
गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों ने ऐसे ड्रोन तैयार किए हैं, जिससे मेडिकल और कृषि के क्षेत्र में काफी सहायता मिलेगी। इन ड्रोन के जरिए अस्पताल ब्लड सैंपल को पैथोलॉजी लैब तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है। इस दौरान जिससे इंफेक्शन का खतरा कम होगा और टाइम भी कम लगेगा। यही नहीं छात्रों ने ऐसा ड्रोन भी तैयार किया है जो फसल में लगे कीड़ों को ड्रोन की मदद से कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव कर फसल को नष्ट होने से बचा सकेगा। यूनिवर्सिटी में ऐसे कई ड्रोन तैयार किए जा रहे हैं जिसके लिए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और एचओडी छात्रों का पूरा साथ दे रहे हैं।

3 लाख रुपये की लागत
इन ड्रोनों को छात्रों ने अपने तरीके से तैयार किया जो देखने में छोटे से हवाई जहाज की तरह लगते हैं. इसे बनाने में तकरीबन 2 महीने का समय लग गया, जिसमें 3 लाख रुपये की लागत आई है। ये ड्रोन पूरी तरह से मेड इन इंडिया है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ड्रोन टेक्नोलॉजी के द्वारा इनका निर्माण गौतमबुद्ध नगर यूनिवर्सिटी में बनाए जा रहे हैं. इसी सेंटर में नए ड्रोन तैयार भी किए जा रहे हैं और छात्रों को इसकी ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

छात्रों का कहना है कि हम लोग हर तरह के ड्रोन तैयार कर रहे हैं। जिससे कि आने वाले समय में ड्रोन से हम लोग अस्पताल से मेडिसन लैब ले जाने के लिए ब्लड सैंपल या ब्लड को हम ड्रोन के माध्यम से ले जा सकते हैं। वहीं कृषि के क्षेत्र में भी कीट लगी फसल को भी कीटनाशक दवाई लगाकर उन्हें बचाया जा सकता है। यही नहीं ड्रोन की मदद से पिज़्ज़ा-बर्गर की भी डिलीवरी की जा सकती है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रविंद्र सिन्हा ने कहा कि हम छात्रों के साथ इस मुहिम में जुड़ने के लिए लोगों से बात कर रहे हैं ताकि और नए-नए ड्रोन कम कीमत पर बनाए जा सके।

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