Yamuna Authority News : यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) की बोर्ड बैठक 18 दिसंबर को होगी। गुरुवार को यह जानकारी चेयरमैन कार्यालय ने प्राधिकरण को दी है। इस बार की बोर्ड बैठक में 5 महत्वपूर्ण एजेंडे पेश किए जाएंगे। इनमें किसान हितों को ध्यान में रखकर 3 बड़े फ़ैसले होने हैं। इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों को बड़े फ़ायदे मिलेंगे। दूसरी ओर यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह (Dr Arunvir Singh IAS) ने सभी विभागों को बोर्ड बैठक की तैयारी करने और अपने-अपने एजेंडे भेजने का आदेश दिया है।
1. किसानों को 10% विकसित भूखंड मिलेंगे : यमुना प्राधिकरण को विकास योजनाओं के लिए जमीन देने वाले किसानों को अभी तक 7% विकसित आवासीय भूखंड वापस लौटाई जाती है। किसान इस जमीन का उपयोग आवासीय सुविधाओं के लिए करते हैं। प्राधिकरण की ओर से मिलने वाले इन भूखंडों पर कुछ व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दी जाती है। अब प्राधिकरण ने विकसित भूमि का क्षेत्रफल 10% करने का फ़ैसला लिया है। मतलब, अगर कोई किसान प्राधिकरण को 1,000 वर्ग मीटर जमीन विकास योजनाओं के लिए देगा तो प्राधिकरण उसे 100 वर्ग मीटर जमीन विकसित करके वापस लौटाएगा। यह प्रस्ताव 18 दिसंबर को प्राधिकरण बोर्ड में रखा जाएगा। जिसे मंज़ूरी मिलते ही भविष्य में किसानों को बड़ा फ़ायदा मिलेगा।
2. 12 गांवों के किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के 12 गांवों में किसानों ने विकास योजनाओं के लिए अपनी ज़मीन दी है। इन सभी किसानों को जमीन खरीद की एवज में मुआवज़ा दिया जा चुका है। पिछले दिनों किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए 64.7% अतिरिक्त मुआवज़ा देने का फ़ैसला लिया गया था। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी यमुना प्राधिकरण ने किसानों का पक्ष लिया था। अब प्राधिकरण इस मुआवज़े का भुगतान करने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव रखेगा। इस फ़ैसले से करीब 25 हज़ार किसान परिवारों को बड़ा फ़ायदा होगा।
3. ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने का रास्ता साफ : दिल्ली-एनसीआर के दो महत्वपूर्ण महामार्गों ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे एक-दूसरे को दनकौर के पास काटते हैं। जगनपुर अफजलपुर गांव के पास इन दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज बनाया जाना है। इस गांव के किसान नेशनल हाईवे अथॉरिटी की मुआवज़ा दरों के बराबर ज़मीन की क़ीमत मांग रहे थे। इस विवाद का समाधान हो चुका है। किसानों के लिए 221 करोड़ रुपये की धनराशि यमुना प्राधिकरण ने अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) को भेज दी है। मिली जानकारी के मुताबिक जल्दी यह पैसा किसानों को बांटा जाएगा। दूसरी ओर प्राधिकरण ने जगनपुर अफजलपुर के किसानों को आवासीय भूखंड देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन किसानों को आवासीय भूखंड यमुना सिटी के सेक्टर-17 बी और सेक्टर-25 में आवंटित किए जाएंगे। यह प्रस्ताव आठ दिसंबर को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने पर गांव के सैकड़ों किसान परिवारों को बड़ा फ़ायदा होगा।
4. मास्टरप्लान 2041 को मंजूरी दी जाएगी : यमुना प्राधिकरण की महायोजना-2041 बनकर तैयार हो चुकी है। इससे पिछली बोर्ड बैठक में मंज़ूरी दे दी गई थी। मास्टरप्लान मंज़ूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया था। सरकार ने कुछ संशोधन करने के सुझाव दिए थे। उन सुझावों पर अमल करने के बाद मास्टरप्लान एक बार फिर मंज़ूरी के लिए प्राधिकरण बोर्ड के सामने रखा जाएगा। प्राधिकरण बोर्ड अंतिम रूप से यह मास्टरप्लान राज्य सरकार को भेजेगा।
5. हेरिटेज सिटी की डीपीआर पेश की जाएगी : हेरिटेज कॉरिडोर (सिटी) को पीपीपी माडल पर विकसित किया जाएगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के दोनों ओर पर्यटन, वाणिज्यक व संस्थागत गतिविधियां होंगी। यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए होटल और रेस्टोरेंट आदि होंगे। मथुरा-वृंदावन घूमने आएं तो यहां पर रुकें। यहां पर चौकी धानी की तर्ज पर छह स्थान विकसित किए जाएंगे। कॉरिडोर के दोनों ओर तमाम गतिविधियां होंगी। यहां एक म्यूजियम बनाया जाएगा। इसमें द्वापर काल के नंदगांव, बरसाना, गोकुल समेत करीब छह गांव विकसित किए जाएंगे। वहां की संस्कृति को दर्शाया जाएगा। यहां कथा वाचनालय केंद्र बनेंगे। वेलनेस सेंटर में रहकर लोग स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे। इस कॉरिडोर से श्रद्धालुओं का वृंदावन पहुंचना आसान हो जाएगा। पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को जन्माष्टमी, बरसाने की होली आदि पर भीड़ और जाम का सामना नहीं करना होगा। उन्हें मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। अब यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में हेरिटेज सिटी की डीपीआर प्रस्तुत की जाएगी। डीपीआर को विशेषज्ञ कंपनी ने बनाया है। बोर्ड से डीपीआर पर मुहर लगने के बाद आगे कार्रवाई बढ़ेगी।