Greater Noida : यमुना एक्स्प्रेस औधिगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का फैसला किया है। इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है। नया वृंदावन नहीं बसाया जा रहा है, बल्कि वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, फिलोसॉफिकल धरोहर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। हेरिटेज कॉरिडोर के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति की गई है। यीडा के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड 24 मार्च तक राया हेरिटेज सिटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप देगा।
6 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनेगा
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए 6 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनेगा। इसका कार्य चालू वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगा। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर पांच-पांच सौ मीटर जमीन अधिग्रहीत होगी। जिसमें म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल जो गांव थे, जैसे नंदगांव, बरसाने, गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे। उस समय के वहां जो फल-फूल और वनस्पतियां थी, जो जो उपवन थे और वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है तो विभिन्न प्रकार के तलाब विकसित किया जाएगा। यह सब सड़क के किनारे होगा।
यह भी होगा खास
यीडा के सीईओ ने बताया कि नया एक्सप्रेसवे बिल्कुल ग्रीन फील्ड होगा और सीधे बांके बिहारी मंदिर के लिए जो पुल यमुना नदी पर ब्रज विकास परिषद द्वारा बनवाए जा रहे पुल से जुड़ेगा। साथ ही कथा वाचनालय केंद्र बनेंगे। जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे पर पहले बांके बिहारी मंदिर को और इसी एक्सप्रेस देश से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसको जोड़ने से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। जाम का सामने किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे। एक नए तरीका हेरिटेज जो हम दिखाना चाहते हैं।
कोई बिल्डिंग और प्लॉट नहीं कटेगा
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का अनुसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है। उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में पूरा बनाया जाएगा। 900 हेक्टेयर की जमीन पर यह बनेगा। जिसकी लागत लगभग साढ़े 7 हजार करोड की है। सीईओ ने बताया कि मैं यह पूरा स्पष्ट कर दूं कि यहां कोई शहर नहीं बसाया जा रहा है ना कोई यहां रियल स्टेट होगा। यहां कोई बिल्डिंग और प्लॉट नहीं कटेगा। यह हमारी धरोहर के लिए है हमारी संस्कृति के लिए हैं।