ग्रेटर नोएडा की सबसे हरी-भरी सोसाइटी में संकट : जेपी गोल्फ कोर्स में तेजी से काटे जा रहे पेड़, 72 प्रतिशत हरियाली होनी चाहिए थी

Tricity Today | जेपी गोल्फ कोर्स



Greater Noida News : जेपी गोल्फ कोर्स को सबसे ज्यादा हरियाली वाली सोसाइटी माना जाता है। इसलिए जेपी गोल्फ कोर्स को हरी-भरी ग्रीनरी और प्राकृतिक सौंदर्य के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन अब जेपी गोल्फ कोर्स सोसाइटी में अतिक्रमण और अनियमित निर्माण का खतरा मंडरा रहा है। इस गोल्फ कोर्स की जमीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 2000 में बिल्डर को चंद करोड़ रुपये में आवंटित की थी, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने यहां घर खरीदे थे। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखकर स्थानीय निवासी और पर्यावरण प्रेमी निराश हैं। क्योंकि ग्रीनरी की जगह अब कंक्रीट के निर्माण स्थल दिखाई दे रहे हैं। कई वेटलैंड्स और जल निकाय अतिक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

72% हरियाली होनी चाहिए थी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नियमों के अनुसार इस क्षेत्र में 72% हरियाली होनी चाहिए थी, लेकिन अब यहां पेड़ों की जगह बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं। हाल ही में एक शिकायत के बाद कुछ नागरिकों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने साइट का दौरा किया। साइट पर मौजूद निर्माण कार्यों के दौरान बीच में आने वाले पेड़ों की कटाई के लिए किसी प्रकार की नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NoC) का प्रावधान नहीं देखा गया। जिससे पर्यावरणीय चिंताएं और भी बढ़ गई हैं।

हाईकोर्ट ने लगा रखी है निर्माण पर रोक
इस मामले में एक अन्य अहम तथ्य यह है कि इस प्रोजेक्ट पर हाई कोर्ट की रोक लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी हैं। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे पर्यावरणीय संरक्षण के नियमों का उल्लंघन बताया है। एक आरटीआई भी दायर की गई है ताकि प्राधिकरण से इस परियोजना से संबंधित दस्तावेज़ और जानकारी प्राप्त की जा सके।

सीईओ से मुलाकात कर ग्रीनरी संरक्षण की मांग
जेपी गोल्फ कोर्स की हरियाली और वेटलैंड्स की सुरक्षा के लिए नागरिक जल्द ही ग्रेटर नोएडा के सीईओ से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि यदि यही स्थिति बनी रही तो एक ‘रेक्रिएशनल ग्रीन’ और सामान्य प्लॉट में कोई अंतर नहीं रहेगा।

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