ट्राईसिटी टुडे का खुलासा : बाबा का बुलडोजर साजिश का शिकार, क्यों गरीबों के रोजगार रौंद रहे हैं अथॉरिटी वाले

Tricity Today | पीड़ित लेता बुलडोजर के नीचे



Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर हो गए हैं। पिछली सरकार में गुंडे, माफियाओं और अपराधियों पर चले बुलडोजर से सूबे की जनता गदगद हुई और एक बार फिर योगी आदित्यनाथ को खुशी-खुशी यूपी की कमान सौंप दी। अब इस कहानी पर आगे बढ़ने से पहले हम आपको नोएडा शहर में 22 मार्च की घटना याद दिलाते हैं। उस दिन अथॉरिटी के दस्ते ने सफाई अभियान के नाम पर गन्ने का रस बेचने वाले एक मजदूर के सपने कुचल डाले थे। उसका हाथ कोल्हू और रेहड़ी बुलडोजर के तले रौंद दिए गए थे। इस घटना की चहुंओर आलोचना हुई तो सरकार ने नोएडा अथॉरिटी के नट-बोल्ट कसे। अगले ही दिन अफसरों ने भूल सुधार कर ली थी।



ग्रेटर नोएडा में भी ऐसी घटना हुई
अब दूसरी घटना ग्रेटर नोएडा में बीते बुधवार को हुई है। ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर प्राधिकरण के दस्ते ने रेहडी पर पानी बेचने वाले को अतिक्रमण के नाम पर भूखों मरने के लिए मजबूर कर दिया। मजबूर मजदूर ने प्राधिकरण अफसरों के पांव पकड़े, खूब गिड़गिड़ाया, रहम की भीख मांगी, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। बच्चों की दो वक्त की रोटी का जरिया बुलडोजर के नीचे कुचलता देखकर छाती फट आई। खुद भी बुलडोजर के नीचे जा लेटा और गुहार लगाई, अब इसे मेरे ऊपर भी चढ़ा दो।

गरीबों पर क्यों चल रहा बुलडोजर
आखिर सवाल यह उठता है, गुंडे, माफियाओं और अपराधियों पर चलने वाला बाबा का यह बुलडोजर गरीब, मजदूर और मजबूरों पर क्यों चल रहा है? पहले नोएडा की घटना और उसके 15 दिन बाद ग्रेटर नोएडा में यह मंजर देखने के लिए मिला है। ये क्या किसी बड़ी साजिश का इशारा कर रहे हैं? कहीं बाबा के बुलडोजर को बदनाम करने की साजिश तो नहीं रची जा रही? यह घटना भी जब नजर-ए-आम हुई तो प्राधिकरण के अफसरों ने मजदूर को ढूंढना शुरू कर दिया। शनिवार को दिन निकलते ही उसके घर पहुंच गए। एक रेहडी उसे सौंप दी और हर्जाने के तौर पर 2,000 रुपये भी दिए गए हैं।

पलक झपकते ही रोजगार छीन लिया
हाथरस के मूल निवासी और फिलहाल ग्रेटर नोएडा में तीन बेटियों और पत्नी पूनम के साथ रह रहे इस मजदूर रवि ने 'ट्राईसिटी टुडे' को पूरी आपबीती सुनाई है। बातचीत शुरू हुई तो 4 दिनों से बेकार घर में बैठा यह मजदूर फट पड़ा। मन में इतना गुस्सा भरा था कि बोलते वक्त कुछ याद ना रहा। उन्होंने कहा, "एक क्षण में मेरी रेहड़ी तोड़ दी गई। मैंने पांवों में गिरकर दया करने की बात कही। वह साहब बोले कि यह बाबा का बुलडोजर है। अब रुकने वाला नहीं है। इतनी देर में तो बुलडोजर ने रेहड़ी को चकनाचूर कर दिया। मुझे बहुत बुरा लगा। क्या हमारी कोई इज्जत नहीं है? मैं बुलडोजर के नीचे घुस गया और कहा कि मेरे ऊपर भी चढ़ा दो। एक अफसर ने मुझे डंडा मारा और खींचकर भगा दिया। अब चार दिनों से सर पकड़कर बैठा हूं।"

'योगी बाबा हमारी वोट का सिंबल हैं'
सवाल यह भी है कि आखिर अफसरों के इस अधर्म के लिए गरीबों का गुस्सा सीएम पर क्यों आए? रवि ने सवाल पूछा, हमने तो वोट देकर मुख्यमंत्री बनाया और अब हमारे ही ऊपर बुलडोजर चलाया जा रहा है। यह कहां का इंसाफ है? कहते हैं, बाबा का बुलडोजर है। क्या बाबा ने बोला है कि गरीबों पर बुलडोजर चला दो। उन्होंने आगे कहा, "योगी के अलावा हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता है। हमारी वोट के लिए योगी बाबा ही सिंबल हैं। हमने तो उन्हें वोट दिया है। उनका बुलडोजर तो गुंडों पर चलता है। पता नहीं इन अफसरों ने हमारे ऊपर क्यों चला दिया?"

पूनम का आरोप- वसूली होती है
हाथ पर हाथ धरकर बैठे रवि के टूटे-फूटे किराए के मकान में बर्तन खाली हैं। पेट पालने के लिए कमाई का एकमात्र जरिया अथॉरिटी के निर्दयी अफसरों ने कुचल डाला। रवि की पत्नी पूनम का गुस्सा भी होंठों पर निकल आया। आखिर पूनम ने अथॉरिटी के अफसरों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया। उन्होंने बताया कि कैसे अथॉरिटी का अमला हर महीने वसूली करता है। पैसा नहीं देने वालों पर बुलडोजर का कहर बरपाया जाता है। पूनम ने कहा, "मैं अथॉरिटी के सुपरवाइजर का नाम तो नहीं जानती हूं लेकिन वह हर महीने एक हजार रुपये की वसूली करता है। यह वसूली सभी रेहड़ी वालों के होती है। वही लोग बताते हैं कि कब रेहड़ी हटानी है। उस दिन हमने हाथ जोड़कर कहा कि रेहड़ी हटा रहे हैं लेकिन पता नहीं क्यों हमें बर्बाद करके चले गए।"

अफसर के पांवों में गिर गया रवि
भले ही अफसरों की छाती में दिलों ने धड़कना बंद कर दिया हो लेकिन गरीब का दिल तो पसीज ही जाता है। शनिवार की सुबह रोहताश नाम का कोई व्यक्ति रवि के पास पहुंचा। उसने खुद को प्राधिकरण से बताया और रेहड़ी रवि को दी है। रोजगार वापस पाकर यह गरीब मजदूर अपना गम भूल गया और एहसान चुकाने के लिए फिर अफसर के पांव पकड़ लिए। उसने तो रोजगार बचाने के लिए भी पांव ही पकड़े थे। इन हालात पर ग्रेटर नोएडा के जिम्मेदार अफसर चार दिन बाद भी आँख-कान मूंदकर बैठे हैं।

एसीईओ ने कहा- जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी
इस पूरे मामले में 'ट्राईसिटी टुडे' ने ग्रेटर नोएडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद से बात की है। उन्होंने कहा, "यह पूरा मामला दु:खद है। सोमवार को कार्रवाई करेंगे। शनिवार और रविवार को अवकाश है। जिम्मेदार कर्मचारियों पर एक्शन होगा। रेहड़ी वालों से वसूली का मामला आपसे संज्ञान में आया है। इस पर भी जांच करवाई जाएगी।" आपने उस रियासत की कहानी सुनी होगी, जहां का ईमानदार राजा भ्रष्ट कर्मचारी को सजा देने के लिए समंदर किनारे लहरें गिनने के लिए भेज देता है। भ्रष्ट कर्मचारी वहां आने वाले जहाजों से वसूली शुरू कर देता है। यही हाल बाबा के बुलडोजर का प्राधिकरण कर्मचारियों ने कर दिया है।

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