Farmers Tractor Parade : 'तिरंगे का अपमान नहीं सहा जा सकता', ग्रेटर नोएडा में आज किसने कही यह बात, दी बड़ी चेतावनी

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा के लोगों ने दी बड़ी चेतावनी



"तिरंगा तेरा यह अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान", ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को लोगों ने यह नारा बुलंद किया। दरअसल, मामला किसान आंदोलन का गणतंत्र दिवस के मौके पर हिंसक हो जाने से जुड़ा है। सिरसा, डाढा, घोड़ी बछेड़ा, चीरसी और कई गांव के लोग शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में एकत्र हुए। लोगों ने तिरंगे के अपमान पर नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में गहराई से जांच करने और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

प्रधान सुशील शर्मा ने कहा, "केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बिल पास किए हैं। उन बिलों का कुछ किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। पिछले 2 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर यह विरोध चल रहा है। उन्हीं किसान संगठनों के नेताओं ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के आयोजन की अनुमति दिल्ली पुलिस से मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने रूट बनाकर किसान संगठनों को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दे दी थी। शांतिपूर्ण तरीके से इस रैली का आयोजन निर्धारित रूट कर किया जाना था, लेकिन तथाकथित किसान संगठनों ने पुलिस के साथ हुए इस फैसले का पालन नहीं किया। पुलिस के साथ मारपीट की गई। देश के ऐतिहासिक लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया गया है।"

सिरसा गांव के निवासी गौरव शर्मा ने कहा, "आक्रोशित और उपद्रव की मुद्रा में आ चुके किसानों को देश के जवानों ने रोकने का प्रयास किया। उन पर किसान संगठनों के लोगों ने हमला कर दिया। मारपीट की गई। तथाकथित किसान लाल किले पर पहुंच गए। लाल किले पर हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान किया गया। धार्मिक झंडा लहरा दिया गया। जिससे आम आदमी को आत्मिक रूप से धक्का लगा है। यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। ऐसा करने वाले किसान नहीं हो सकते हैं। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। जिसमें आज तक "जय जवान जय किसान" का नारा दिया जाता है। यह काम गुंडे बदमाशों और संविधान विरोधी लोगों का हो सकता है।"

डाढा गांव के नवीन शर्मा ने कहा, "इस घटना से पूरा देश आहत है। हम लोग यह चाहते हैं कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए। जिन लोगों ने यह कृत्य किया है, उन पर मुकदमा चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। भविष्य में ऐसे लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाए। अगर इन लोगों को जल्दी से जल्दी सजा नहीं मिलती है तो मजबूर होकर आम आदमी आंदोलन की राह पकड़ेगा। जिसके लिए पुलिस, प्रशासन और सरकार जिम्मेदार होगी। इस दौरान चमन शर्मा, कुलदीप शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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