Greater Noida News : चिटहैरा भूमि घोटाले (Chitehra Land Scam) को ग्रामीणों ने शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की है। ग्रामीणों का आरोप है कि यशपाल तोमर ने उनसे जबरदस्ती पट्टे खरीदे थे। जबरदस्ती उनकी जमीन ली गई और यशपाल तोमर के नौकरों के नाम कर दी गई। जमीन के एवज में कुछ पैसे लिए थे और बाद में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। मुकदमा वापस करवाने के नाम पर यशपाल तोमर ने उनसे कई गुना पैसे वसूल लिए हैं। अब जिला प्रशासन इस मामले में कार्यवाही कर रहा है तो ग्रामीणों ने प्रेस वार्ता की है। हालांकि, पिछले 6 महीनों से जांच चल रही है, तब से कोई सामने नहीं आया था। अब कार्रवाई की तलवार लटकी तो ग्रामीणों ने अपनी सफाई दी है।
गांव के निवासी महिपाल पुत्र रामेश्वर ने बताया कि उनकी 15 बीघा जमीन का पट्टा लिया गया था। महिपाल का कहना है कि पहले यशपाल ने उन पर जमीन बेचने को लेकर दबाव बनाया, लेकिन जब उन्होंने जमीन बेचने से इंकार कर दिया तो उनके खिलाफ उत्तराखंड में धारा 307, 504, 312 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया। उसके बाद उन्होंने मजबूरी में गाजियाबाद लोहिया नगर के निवासी सचिन शर्मा को अपनी जमीन बेची थी। इसके एवज में उनको 50 लाख रुपए दिए गए थे, लेकिन यशपाल तोमर ने बाद में मुकदमा हटवाने के नाम पर यह पैसा वापस ले किया था।
प्रेस वार्ता के दौरान गांव के निवासी ब्रह्मसिंह ने बताया कि उनकी गांव में ढाई बीघा जमीन थी। जिसको यशपाल तोमर ने जबरदस्ती 6 लाख रुपए में खरीद लिया था। बाद में विभिन्न धाराओं में दिल्ली के कश्मीरी गेट थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। मुकदमा वापस लेने के नाम पर यशपाल तोमर ने 16 लाख रुपए लिए थे। इस समय वह दिल्ली पुलिस से 10 हजार रुपए के इनामी हैं और उनके खिलाफ वारंट जारी है।
ग्रामीणों के पास कोई सबूत या दस्तावेज नहीं
जब पत्रकारों ने ग्रामीणों से पूछा कि आप लोग जो आरोप लगा रहे हैं, इससे संबंधित कोई दस्तावेज या सबूत उपलब्ध हैं। ग्रामीणों ने किसी भी तरह का दस्तावेज या सबूत होने से साफ इनकार कर दिया। दरअसल, यशपाल तोमर और उसके आईएएस, आईपीएस व नेता दोस्तों ने चिटहैरा गांव के 12 लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा था। अब इन लोगों के खिलाफ दादरी कोतवाली में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाई है। दूसरी ओर हरिद्वार एसटीएफ व मेरठ पुलिस कार्यवाही कर रही है।