वेव ग्रुप है नोएडा का सबसे बड़ा बकायादार बिल्डर : डीएम मनीष वर्मा ने जारी की पूरी लिस्ट

Tricity Today | वेव ग्रुप को बड़ा झटका



GREATER NOIDA : नोएडा शहर के बीचोंबीच सिटी सेंटर बसाने का सपना दिखाने वाला वेव ग्रुप गौतमबुद्ध नगर जिले का सबसे बड़ा बकायादार बिल्डर बन गया है। गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी है। डीएम ने बड़े बकायेदार बिल्डरों की लिस्ट जारी की है। उन्होंने कहा, "बिल्डरों से अब सख्ती के साथ निपटा जाएगा। जो बिल्डर प्रॉपर्टी खरीदारों का पैसा वापस नहीं लौटाएंगे उनकी प्रॉपर्टी कुर्क कर ली जाएंगी। उनके घर और दफ्तरों पर ढिंढोरा पिटवाया जाएगा। शुक्रवार और शनिवार को बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ बड़ा अभियान चलेगा। पैसे की वसूली की जाएगी और जरूरत पड़ी तो बिल्डरों को गिरफ्तार भी किया जाएगा।"

घर और दफ्तरों पर मुनादी करवाएगा प्रशासन
विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अब गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भी बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। गुरुवार को जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने कॉन्फ्रेंस की। कलेक्टर में मनीष वर्मा ने कहा, "फ्लैट खरीदारों का पैसा नहीं लौटने वाले बिल्डरों के खिलास सख्त एक्शन होगा। मई 2018 से यूपी रेरा बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी कर रहा है। जिला प्रशासन के पास यूपी रेरा की ओर से जारी की गईं 503 करोड़ रुपए की 1,705 आरसी हैं। अब बकाएदार बिल्डरों के घर और दफ्तर पर जाकर मुनादी कराई जाएगी।" डीएम ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि मुनादी में ढोल बजाकर बिल्डरों का नाम, यूपी रेरा की आरसी और बकाया धनराशि समेत अन्य जानकारी दी जाएंगी। साथ ही बिल्डरों के दफ्तर और घर के बाहर नोटिस चस्पा किया जाएगा। मुनादी के माध्यम से पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी बिल्डर के बकाएदार होने की जानकारी दी जाएगी। 

प्रशासन और प्राधिकरण मिलकर चलाएंगे अभियान
जिलाधिकारी ने बताया कि उनके प्रोजेक्ट ही नहीं आसपास में मुनादी कराई जाएगी। बकाएदार बिल्डर पैसा जमा करवा दें, अगर बिल्डर पैसा जमा नहीं करेगा तो उनकी संपत्ति को कुर्क कर लिया जाएगा। शुक्रवार और शनिवार वो दो दिन बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। दादरी और सदर तहसील की 30 से अधिक टीमें बिल्डरों के घर और कार्यालयों पर जाकर मुनादी करेंगी। बिल्डर दिल्ली और हरियाणा के शहरों में रहते हैं, ऐसे बिल्डरों के खिलाफ भी अभियान शुरू किया जाएगा। दिल्ली और हरियाणा में उनके घर और कार्यालयों पर जाकर मुनादी कराई जाएगी। इसमें स्थानीय प्रशासन, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मदद ली जाएगी। 

वेव मेगा सिटी सेंटर सबसे बड़ा बकायदा बिल्डर
मई 2018 से यूपी रेरा आरसी जारी कर रहा है। तब से अब तक 4,571 आरसी गौतमबुद्ध नगर प्रशासन को मिल चुकी हैं, जो 1,728 करोड़ रुपए की हैं। इनमें से 344 करोड़ रुपए की 724 आरसी में खरीदारों और बिल्डर के बीच समझौता हो गया। जिस कारण वह 724 आरसी लौटा दिया गया। वहीं, एनसीएलटी के कारण 781 आरसी को वापस कर दिया गया है, जो 777 करोड़ रुपए की थीं। प्रशासन अब तक 365 करोड़ रुपए की वसूली कर चुका है। दादरी तहसील के पास 73 बकाएदार बिल्डर हैं, जिनके पास यूपी रेरा की 1,325 आरसी का 487 करोड़ रुपए बकाया हैं। सबसे बड़ा बकाएदार बिल्डर वेवमेगा सिटी सेंटर है, जिस पर 80 करोड़ रुपए बकाया हैं। सदर तहसील में 28 बिल्डरों की 380 आरसी हैं, जो 129 करोड़ रुपए की है। जिले के और बड़े बकायेदार बिल्डरों में लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, सुपरटेक, रूद्र बिल्डवेल, कॉसमॉस इन्फ्राएस्टेट, महागुन इंडिया, अजनारा, जयप्रकाश एसोसिएट्स, पार्श्वनाथ डेवलपर्स, फ्यूचर वर्ल्ड ग्रीन होम्स, सिक्का बिल्डर और वर्धमान इंफ्रा डेवलपर्स जैसे नामचीन कंपनियां शामिल हैं।

नोएडा के सबसे बड़े बकायेदार बिल्डर

बिल्डर का नाम

बकाया धनराशि (करोड़ में) 

वेव मेगासिटी सेंटर

80.55

लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर

34.57

सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट

33.56

रुद्रा बिल्डवेल होम्स

49.81

कॉसमॉस इंफ्राएस्टेट

26.71

महागुन इंडिया

19.97

अजनारा रियलटेक

15.41

जयप्रकाश एसोसिएट्स

15.32

पार्श्वनाथ डेवलपर्स

13.39

फ्यूचर वर्ल्ड ग्रीन होम्स

12.44


ग्रेटर नोएडा के सबसे बड़े बकायेदार बिल्डर

बिल्डर का नाम

बकाया धनराशि (करोड़ में) 

ग्रीनवे/ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर

17.63

सिक्का इंफ्रास्ट्रक्चर

13.38

किंडल इंफ्राहाइट्स

8.64

इम्पीरिया स्ट्रक्चर

9.41

सनवर्ड सिटी

5.46

पार्श्वनाथ डेवलपर्स

4.99

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

4.10

न्यूटेक प्रोमोटर्स एंड डेवलपर्स

3.79

सॉलिटेयर रियल इंफ्रा

3.32

वर्धमान इंफ्रा डेवलपर्स

3.04

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