बड़ा मुद्दा : Noida, Greater Noida और Yamuna Authority में शनिवार का अवकाश क्यों, प्राधिकरणों के पास नहीं जवाब

Tricity Today | Ritu Maheshwari, Narendra Bhushan and Dr Arunvir Singh



गौतमबुद्ध नगर में तीन औद्योगिक विकास प्राधिकरण नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण हैं। इनमें पांच दिनों का कामकाजी सप्ताह है। मतलब, सोमवार से शुक्रवार तक प्राधिकरण खुलते हैं। शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं। इन पर सोशल एक्टिविस्ट विक्रांत तोंगड़ ने आपत्ति जाहिर की है। साथ ही उन्होंने तीनों प्राधिकरणों से आरटीआई के जरिए जवाब भी मांगा है। खास बात यह है कि अभी दो प्राधिकरणों ने जवाब दिया है। दोनों के जवाब अलग-अलग हैं। विक्रांत अभी तीसरे प्राधिकरण से जवाब मिलने का इन्तजार कर रहे हैं।

विक्रांत तोंगड़ ने कहा, "गौतमबुद्ध नगर का विकास इन तीनों प्राधिकरणों के ऊपर हैं, इसलिए यहां लगातार काम होना आवश्यक है। यहां देश-विदेश की निजी कंपनियां, आवंटी, कामकाजी, उद्यमी और किसान से जुड़े तमाम मुद्दे हैं। जिले में प्राधिकरणों के अलावा अन्य सारे सरकारी विभागों में सप्ताह में 6 दिन काम होता है। प्राधिकरण ही केवल 5 दिन काम करते हैं। जिससे आम जन को भी दिक़्क़त होती हैं। प्रदेश सरकार भी 6 दिन काम करती है। फिर प्राधिकरण ही 5 दिन काम क्यों कर रहे हैं ? हम लगातार मांग कर रहे हैं कि प्राधिकरण भी 6 दिन काम करें। इससे उत्पादकता बढ़ेगी और विकास में गति आएगी।"

नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने दिए अलग-अलग जवाब 
विक्रांत ने आगे कहा, "प्राधिकरण इस मामले में गुमराह कर रहे हैं। प्राधिकरण के पास इस बात का कोई ठोस जवाब नही हैं कि वह किस आधार पर प्रत्येक शनिवार का अवकाश रखते हैं ? मैंने जानकारी हासिल करने के लिए तीनों प्राधिकरणों में आरटीआई दाखिल की है। प्राधिकरण अलग-अलग जवाब दे रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2004 के एक शासनादेश का हवाला दिया है। जबकि, नोएडा प्राधिकरण ने जवाब दिया है कि UP industrial Act 1976 के तहत वहां ऐसा किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने तो अभी कोई जवाब नहीं दिया है। बड़ी बात यह है कि यमुना प्राधिकरण ने जिस शासनदेश की बात कही है, उसमें प्राधिकरण के लिए इस प्रकार की छूट नहीं हैं।"

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अभी कोई जवाब नहीं दिया
विक्रांत तोंगड़ ने आगे कहा, "ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने तो अभी कोई जवाब नहीं दिया है। जिले में सबसे सीनियर अधिकारी ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण हैं। उन्हें इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए लेकिन वह खुद ही जवाब नहीं दे रहे हैं।" विक्रांत का कहना है, "यह बात पूरी तरह साफ है कि न तो शासनादेश और न ही उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम-1976 इन प्राधिकरणों को केवल पांच दिवस काम करने की रियायत देते हैं। प्राधिकरणों ने खुद की सुपरमेसी मानते हुए अपनी परम्परा कायम कर ली है। यह व्यवस्था पूरी तरह सरकार की मंशा के खिलाफ है। जिले के तीनों विकास प्राधिकरण भी बाकी विभागों की तरह 6 दिन खुलने चाहिए।" 

पहले भी सामाजिक संगठन यह मांग कर चुके हैं
आपको बता दें कि इस मसले को लेकर शहर के कई सामाजिक संगठन पहले भी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई सकारात्मक कदम विकास प्रधिकरणों ने नहीं उठाए हैं। जिले के औद्योगिक और सामाजिक संगठन चाहते हैं कि विकास प्राधिकरण सप्ताह में 6 दिन खोले जाएं। खासतौर से शहर के आवासीय आवंटी सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। नौकरी पेशा और कामकाजी निवासी शनिवार और रविवार को अवकाश पर रहते हैं। प्राधिकरणों से जुड़ा अपना कोई काम निपटाना चाहें तो प्राधिकरण बंद रहते हैं।

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