यमुना प्राधिकरण का मैनेजर सस्पेंड : साथी महिला अफसर के सेक्सुअल हरेसमेंट और मारपीट का आरोप , यूपी के विकास प्राधिकरण में पहला मामला

Google Image | Symbolic Image



Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने प्राधिकरण में कार्यरत एक प्रबंधक को निलंबित कर दिया है। प्रबंधक पर महिला सहकर्मी के साथ मारपीट करने और प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगे हैं। बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग में विशाखा गाइडलाइन के तहत किसी अधिकारी के ख़िलाफ पहली बार कार्रवाई की गई है।

घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी
1. शिकायत और जांच : यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को एक महिला प्रबंधक ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आंतरिक विवाद जांच समिति का गठन किया। जांच समिति ने विशाखा गाइडलाइन के अनुसार मामले की जांच की।
2. आरोपी प्रबंधक : आरोपी की पहचान कार्तिकेय जायसवाल के रूप में हुई है। वह वर्क सर्किल छह में परियोजना प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। जायसवाल ने 8 मई, 2023 को यमुना प्राधिकरण में कार्यभार ग्रहण किया था।
3. आरोपों का विवरण : महिला प्रबंधक के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार किया। मोबाइल और वाट्सएप पर आपत्तिजनक संदेश भेजता था। महिला प्रबंधक पर अन्य सहकर्मियों से बात न करने का दबाव डालना। 18 अप्रैल, 2024 को कार्यालय में मारपीट, जिससे महिला के चेहरे पर चोट आई।
4. जांच समिति की कार्रवाई : आरोपी प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए। जांच में आरोपी प्रबंधक को प्रारंभिक रूप से दोषी पाया गया। रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंपी गई।
5. रिपोर्ट सरकार को भेजी : अधिकारी ने रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी। औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने आरोपी प्रबंधक को निलंबित किया। कार्तिकेय जायसवाल के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया।

उद्योग विभाग में पहला मामला
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास विभाग में विशाखा कमेटी की गाइडलाइंस के आधार पर पहली बार किसी अफ़सर पर कार्रवाई की गई है। यमुना प्राधिकरण में यह आंतरिक जांच समिति गठित है। जिसमें तीन महिला अधिकारी शामिल हैं। समिति में कुल सदस्यों की संख्या पांच है। यह मामला कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के महत्व को रेखांकित करता है। प्राधिकरण द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई है, जो दर्शाता है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया का इंतजार है।

अन्य खबरें