Greater Noida : ग्रेटर नोएडा शहर के लाखों लोगों को अच्छा पेयजल हासिल करने के लिए 17 साल लंबा इंतजार करना पड़ा है। अब 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के हाथों 'भागीरथी' ग्रेटर नोएडा आएंगी। योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान ग्रेटर नोएडा में गंगाजल आपूर्ति परियोजना की शुरुआत करेंगे। तमाम अड़चनों, विवादों और व्यवधानों के चलते इस परियोजना को मूर्त रूप लेने में 17 वर्षों लंबा वक्त लगा है।
ग्रेटर नोएडा में गंगाजल परियोजना की शुरुआत समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह यादव सरकार के कार्यकाल में 2005 में हुई थी। फिर 2007 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार आ गई, लेकिन यह परियोजना अधर में ही लटकी रही। फिर 2012 में सपा की सरकार आई और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने। गंगाजल परियोजना फाइलों में ही दौड़ती रही। सपा और बसपा की सरकारें सत्ता में रहीं, लेकिन दोनों सरकारों के दौरान यह परियोजना एक कदम नहीं चल पाई। साल 2017 में बीजेपी की सरकार आने के बाद गंगाजल परियोजना ने रफ्तार पकड़ी। अब जाकर 17 साल बाद ग्रेटर नोएडा शहर के लोगों को गंगाजल पीने के लिए मिलने लगेगा। गंगाजल की सप्लाई शुरू होने में अब केवल कुछ घंटों का इंतजार बचा है। 31 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ गंगाजल परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के लोगों को गंगाजल पीने के लिए मिलने लगेगा। इससे दूसरा फायदा यह होगा कि शहर में भूजल का दोहन कम हो जाएगा।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अभी तक शहर के निवासियों तक पानी पहुंचाने के लिए ट्यूबवेल का इस्तेमाल कर रही है। गंगाजल की सप्लाई शुरू होने के बाद जमीन से पानी की निकासी कम हो जाएगी। गाजियाबाद के देहरा गांव से 23 किलोमीटर लंबी लाइन दादरी के चिटेहरा माइनर के किनारे-किनारे ग्रेटर नोएडा में पल्ला गांव तक लाई गई है। पल्ला में गंगाजल प्रॉजेक्ट का वाटर टीटमेंट प्लांट बनाया गया है। यहां पर गंगाजल ट्रीट होने के बाद अथॉरिटी कार्यालय के पास जैतपुर गांव आएगा। गांव के पास बने यूजीआर से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा ईस्ट के सेक्टरों में गंगाजल की सप्लाई शुरू हो जाएगी। गंगाजल की लाइन, यूजीआर और ट्रीटमेंट प्लॉट का ट्रायल कर कर लिया गया है।