Greater Noida News : फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक हाउसिंग सोसाइटी में फूड डिलीवर करने डिलीवरी ब्वॉय आया तो चप्पल पहने था। जब वह वापस लौटा तो जूते पहनकर सोसायटी से निकला। इस तरह की कई शिकायतें सामने आईं तो सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन ने छानबीन शुरू की। लिफ्ट और दूसरी जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी गईं। तब यह खुलासा हुआ है। अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन ने जोमैटो में शिकायत की। जिस पर जवाब दिया गया कि डिलीवरी ब्वॉय को काम से निकाल दिया गया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है, "यह कोई समाधान नहीं है।"
यह घटना ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अरिहंत आर्डन हाउसिंग सोसायटी की है। सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश त्यागी ने कहा, "जोमैटो का डिलीवरी बॉय जब सर्विस देने आता है तो चप्पल में होता है, लेकिन जब वापस जाता है जूतों में जाता है। क्या जोमैटो वाले यह कह कर भेजते हैं कि आपको जो भी सामान मिले, वह आप चोरी करके ले आओ? जोमैटो से शिकायत करने पर कह दिया गया कि हमने लड़के को काम से निकाल दिया है। यही मात्र जिम्मेदारी है?" लोकेश त्यागी ने आगे बताया, "हमारे यहां रहने वाले आशीष नारायण फूड पैकेज मंगवाया था। जोमैटो कंपनी का कर्मचारी सामान देने चप्पल पहन कर आया था। वापस जाते वक्त जूते पहनकर निकल गया।"
लोकेश त्यागी ने आगे बताया, "इस तरह की पहले भी कई शिकायतें मिल चुकी हैं। निवासियों को वजह समझ में नहीं आ रही थी। इस बार मामले को गंभीरता से लिया गया। सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। लिफ्ट का सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर पता चला कि आशीष नारायण के घर डिलीवरी ब्वॉय 10 अगस्त की रात 11:03 बजे आया था। उस वक्त उसने चप्पलें पहन रखी थीं। डिलीवरी करने के बाद वह लिफ्ट में वापस 11:08 बजे सवार हुआ। वापसी के समय डिलीवरी ब्वॉय ने जूते पहन रखे थे। डिलीवरी ब्वॉय वापसी के समय लिफ्ट में जूतों को देखते हुए जाता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं वह बाकायदा तस्दीक कर रहा है कि जूते उसे फिट आ रहे हैं या नहीं आ रहे हैं।"
एओए प्रेसिडेंट लोकेश त्यागी ने बताया कि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज जोमैटो को भेजा है। ट्विटर पर टैग भी किया है। जोमैटो की तरफ से जवाब दिया गया है कि उन्होंने डिलीवरी ब्वॉय को काम से निकाल दिया है। लोकेश त्यागी कहते हैं, "यह कोई समाधान नहीं है। जोमैटो ने डिलीवरी ब्वॉय को नौकरी से निकालने की बात बता दी। इससे क्या कंपनी का काम खत्म हो गया है? इस हरकत से पता चलता है कि जोमैटो कंपनी अपने कामकाज को लेकर गंभीर नहीं है। कंपनी काम पर रखने से पहले युवकों के बारे में उचित ढंग से सत्यापन नहीं करवा रही है। डिलीवरी बॉयज को कोड और एथिक्स के बारे में सही तरह से प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है।"