Kanpur News : राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुआ था उपद्रव, अब जेल से बाहर आया साजिशकर्ता

कानपुर | 1 साल पहले | Subodh Kumar

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कानपुर : तीन जून 2022 को हुए नई सड़क उपद्रव का आरोपी बिल्डर हाजी वसी जेल से रिहा हो गया। रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत निरुद्ध होने के चलते जमानत मिलने के बाद भी उसे रिहाई नहीं मिल पाई थी। अन्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी, जावेद के बाद इस प्रकरण में वसी तीसरा आरोपी है, जिसके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी।

उपद्रव के दिन शहर में थे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
तीन जून 2022 को नई सड़क व दादा मियां हाता के पास जुमे की नमाज के बाद उपद्रव हुआ था। उस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहर में मौजूद थे। नई सड़क व दादा मियां का हाता में जुमे की नमाज के बाद शुरू हुए उपद्रव में गोलीबारी, पथराव व बमबाजी में कई लोग घायल हुए थे। पुलिस की जांच में उपद्रव में तीन प्रमुख नाम सामने आए थे। इसमें मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को चार साथियों के साथ पुलिस ने पांच जून को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। हयात से पूछताछ में पता चला था कि उपद्रव के पीछे नूपुर शर्मा की टिप्पणी के अलावा स्थानीय कारण भी थे। उपद्रव स्थल के पास बने चंद्रेश्वर हाता पर कब्जा करने के लिए वहां रहने वाले हिंदुओं में दहशत फैलाना भी एक वजह थी, क्योंकि हयात से जुड़े बिल्डर हाजी वसी और मुख्तार बाबा चंद्रेश्वर हाता हथियाना चाहते थे। एसआईटी की जांच में हाजी वसी और मुख्तार बाबा का डी-2 गैंग से भी कनेक्शन सामने आया था।

हाजी वसी ने उपद्रव के लिए जुटाई थी रकम
पुलिस ने पांच जुलाई को बिल्डर हाजी वसी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि साजिशकर्ता दहशत के दम पर हाता खाली कराना चाहते थे। पुलिस ने इस प्रकरण में वसी के बेटे अब्दुल रहमान को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले की छानबीन में एसआईटी के सामने आया था कि हयात के साथ बिल्डर हाजी वसी ने 1.30 करोड़ रुपये संपत्तियों को बेचकर उपद्रव के लिए धनराशि जुटाई थी।

घटना से एक दिन पहले बेची थी 34 लाख की संपत्ति
तीन जून को हुई घटना से ठीक एक दिन पहले वसी ने करीब 34 लाख रुपये की दो संपत्तियां बेची थीं। यह भी दावा किया गया था कि वसी ने डी-टू गैंग के अतीक खिचड़ी और सबलू को चार-चार लाख रुपये दिये थे। हाजी वसी को उक्त प्रकरण में जमानत मिल गई थी, लेकिन पुलिस ने 26 सितंबर 2022 को उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई कर दी थी। जेल अधीक्षक डाक्टर बीडी पांडेय ने बताया कि एनएसए का कार्यकाल एक वर्ष का रहता है। समयावधि समाप्त होने के बाद मंगलवार को हाजी वसी को जेल से रिहा कर दिया गया।

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