Noida Desk : शहर में लव जिहाद के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें लोग अपना धर्म और नाम छुपाकर पीड़िताओं को अपना शिकार बनाते हैं। इसको लेकर अब केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अंग्रेजों के जमाने की आईपीसी में बदलाव के लिए केंद्र सरकार भारतीय न्याय संहिता विधेयक लेकर आई है। इस विधेयक के जरिए सरकार लव जिहाद और महिलाओं के खिलाफ न्याय अपराधों पर लगाम लगाने की तैयारी में है। प्रस्तावित कानून में पहचान छुपाकर किसी महिला से शादी करने पर 10 साल की कैद हो सकती है।
झूठे वादे करने पर होगी सजा
अमित शाह ने कहां की इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। पहली बार होगा कि जब शादी, रोजगार के झूठे वादे और झूठी पहचान के तहत महिलाओं के साथ संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आएगा। वहीं, 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा होगी। हालांकि कोर्ट पहले भी शादी के बाद दुष्कर्म का दावा करने वाली महिलाओं के मामले में कार्रवाई करती हैं। लेकिन आईपीसी में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।
पुराने कानून से क्या है अलग
इस विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धोखे से या बिना किसी इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो ऐसा यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन अब वो अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके लिए दस साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
क्या है लव जिहाद और यह कानून इससे कैसे निपटेगा?
लव जिहाद दो शब्दों का मेल है। एक अंग्रेजी शब्द लव यानी प्यार और दूसरा अरबी भाषा का शब्द जिहाद। जब एक धर्म विशेष का व्यक्ति दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार में फंसाकर लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देता है तो इसे लव जिहाद कहते हैं। अब इस बिल में पहचान छुपाकर शादी करने पर सजा मिलने का प्रावधान दिया गया है, जिससे माना जा रहा है कि ऐसे अपराध पर लगाम लग सकेगी।