BIG NEWS : कोरोना का काल DRDO की 2DG मेडिसिन लॉन्च हुई, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- ‘आशा और उम्मीद की नई किरण है ये दवा’

देश | 3 साल पहले |

Tricity Today | DRDO की 2DG मेडिसिन लॉन्च हुई



DRDO द्वारा विकसित कोरोना वायरस को रोकने में कारगर 2DG मेडिसिन आज से चुनिंदा अस्पतालों में मिलनी शुरू हो गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एंटी कोविड मेडिसिन 2DG की पहली खेप लॉन्च की। थोड़ी देर पहले राजधानी दिल्ली में स्थित डीआरडीओ भवन में एक कार्यक्रम के आयोजन में इसे लॉन्च किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहे। हालांकि इस महीने 2DG दवा का उत्पादन कम रहेगा। इस लिए सिर्फ चुनिंदा अस्पतालों में ही इसकी सप्लाई की जाएगी। जून से पूरे देश में इसकी सप्लाई आरम्भ हो जाएगी। 

जून से मिलेगी दवा, सिर्फ 5-7 दिन करना होगा इस्तेमाल
DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने बताया कि फिलहाल सप्ताह में दवा की 10,000 के करीब डोज का कुल उत्पादन होगा। आज से इसे AIIMS, AFMS और DRDO अस्पतालों में मरीजों को दिया जाएगा। पूरे देश में इसका वितरण अगले चरण में शुरू होगा। इसमें थोड़ी देरी है। जून के पहले हफ्ते से देश भर में 2DG दवा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा असर करती है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम बेहतर ढंग से काम करेगा और मरीज जल्दी ठीक होगा। मरीज के वजन और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के मुताबिक कम से कम 5-7 दिन सुबह-शाम इसकी 2 डोज़ लेनी है। लेकिन बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा का इस्तेमाल न करें।
  वैज्ञानिक क्षमता का परिचायक है यह दवाः राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि, “इस दवा को तैयार करने में जिन वैज्ञानिकों की मुख्य भूमिका है, मैं उन्हें अपने हाथों से सम्मानित करना चाहूंगा। ये दवा आशा और उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। ये मेडिसिन हमारे देश के वैज्ञानिकों की वैज्ञानिक क्षमता की एक मिसाल है। रक्षा मंत्रालय इस कोविड महामारी के दौरान बहुत प्रभावी और महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। सीमा पर भी हमारी तैयारियां यथावत हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, “DRDO एवं DRL द्वारा तैयार की गई, 2-deoxy-D-glucose (2-DG) ड्रग कोविड में प्रभावकारी सिद्ध होगी। यह हमारे देश की विकसित होती वैज्ञानिक क्षमता का एक बड़ा उदाहरण है। इसके लिए मैं DRDO और इस ड्रग की रिसर्च/डेवलपमेंट से जुड़ी सभी संस्थाओं को अपनी ओर से बधाई तथा शुभकामनाएं देता हूं। इस ड्रग के बारे में मैं कहूंगा कि यह आशा और उम्मीद की एक नई किरण है। लेकिन अभी हमें निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है। न ही थकने और थमने की जरूरत है। क्योंकि यह लहर दूसरी बार आई है। आगे भी इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है। हमें पूरी सतर्कता के साथ कदम आगे बढ़ाने होंगे।“

DRDO ने बेहतरीन कार्य किया है
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने DRDO का धन्यवाद देते हुए कहा कि, “अब तक हम डिफेंस के क्षेत्र में डीआरडीओ और प्राइवेट पार्टनरशिप की बात करते थे। आज हेल्थ के सेक्टर में भी डीआरडीओ और प्राइवेट सेक्टर की पार्टनरशिप का इतना अच्छा परिणाम देख कर मुझे वाकई बहुत खुशी हो रही है। मुझे बताया गया, कि इसके प्रयोग से सामान्य उपचार की अपेक्षा लोग ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन निर्भरता भी लगभग 40 फ़ीसदी तक कम देखने को मिली है। इसका पाउडर फॉर्म में होना भी इसकी एक बड़ी खासियत है। इसे ORS घोल की तरह इस्तेमाल लोग बड़ी आसानी से कर सकेंगे।“

मई महीने में आज सबसे सुखद दिनः डॉ हर्षवर्धन
कंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दवा के लॉन्च के मौके पर कहा कि, “मई के महीने में आज का दिन हम सबके लिए सबसे ज़्यादा सुखद दिन है। हम एक साल से ज़्यादा समय से कोविड की जंग लड़ रहे हैं। रक्षा क्षेत्र के आउटकम के तहत ये हमारी पहली स्वदेशी दवा है। ये कोविड वायरस के प्रकोप को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कम करने की पूरी क्षमता रखती है।“ उन्होंने कहा कि इससे देश में कोरोना को हराने में आपेक्षिक मदद मिलेगी। क्योंकि यह दवा सीधे संक्रमित कोशिकाओं पर असर कर उन्हें ठीक करती है। इसके इस्तेमाल से कोरोना के मरीज जल्दी ठीक होंगे। साथ ही पाउच और पाउडर फॉर्म में होने की वजह से इसका वितरण भी आसान होगा।

रिटॉयर्ड डॉक्टर देंगे सेवाएं, सेना का मनोबल नहीं टूटने देंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, “मुझे यह बताते हुए ख़ुशी होती है कि मेडिकल कोर ने अपने रिटॉयर्ड डाक्टरों को भी दुबारा सेवा में लाने का निर्णय लिया है। ताकि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक मज़बूती दी जा सके। मैं ऐसे चिकित्सकों की हृदय से सराहना करता हूं जो अपनी सेवा समाप्त होने के बाद भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं। हमारी वायुसेना और नौसेना के जहाजों ने भी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर, कंटेनर्स, कंसंट्रेटर्स, टेस्ट किट्स के ट्रांसपोर्टेशन में अपनी भूमिका निभाई है। सेना के अस्पतालों में भी इलाज की सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है। इन सब कठिनाइयों से गुजरते हुए भी हमने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा पर हमारी तैयारियों पर कोई प्रभाव न पड़े। हमारी सेनाओं के जोश और उत्साह में कहीं भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। हमें यह अच्छी तरह मालूम है। कठिनाई कितनी ही बड़ी क्यूं न हो, हम उस पर विजय पा लेंगे।“

टीम की तरह काम कर रहे हैं
उन्होंने आगे कहा, “हमने हर समय स्थिति को काफी गंभीरता से लिया है। चाहे वह ऑक्सीजन सप्लाई का मामला हो, दवाइयों से जुड़ा मसला हो, ICU beds की बात हो या क्रॉयोजेनिक टैंकर्स की व्यवस्था की बात हो। एक टीम की तरह काम किया गया है। जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई आदेश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत ज्यादा डोर टू डोर टेस्टिंग की जा रही है। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।“

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