BIG BREAKING: दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन का सर्वे हुआ पूरा, इन जिलों में दो और स्टेशन बनेंगे, पढ़िए खास खबर

देश | 4 साल पहले | Anika Gupta

Tricity Today | प्रतीकात्मक तस्वीर



दिल्ली से वाराणसी तक बनने वाले हाईस्पीड रेलवे से जुड़ी बड़ी खबर है। एनएचएसआरसीएल ने नई दिल्ली-वाराणसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया है। एरियल लिडार का सर्वे भी सफल रहा है। जल्द ही इसकी फाइनल रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी जाएगी। बताते चलें कि दिसंबर 2020 के आखिरी हफ्ते में लिडार तकनीक से नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ था। फरवरी के पहले हफ्ते में पूरे हुए सर्वे के बाद हेलीकॉप्टर पर लगे उपकरण के सहारे सटीक सर्वेक्षण का आंकड़ा, लेजर आंकड़ा, जीपीएस, उड़ान और तस्वीरों को इकट्टा करके एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों की टीम अगली रिपोर्ट  तैयार करने में जुट गई है।

नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत 861 किलोमीटर के रूट पर बुलेट ट्रेनें संचालित की जाएंगी। इसके जरिए नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों को जाएगा। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास का खाका खींचा तो उसमें बुलेट ट्रेन की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने एक्सप्रेस-वे के किनारे दिल्ली से वाराणसी तक हाईस्पीड रेलवे ट्रैक पर हाईस्पीड ट्रेन चलाने का प्रस्ताव दिया।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बनेगा अत्याधुनिक स्टेशन
नई रिपोर्ट के मुताबिक इस रूट में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे चैपुला कट के पास आधुनिक रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। मेट्रो की तर्ज पर तीन चरणों में पिलर पर इस ट्रैक का निमार्ण होगा। दिल्ली से वाराणसी तक बुलेट ट्रेन जमीन के साथ ही सुरंग और एलिवेटेड ट्रैक से भी गुजरेगी। लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे (लिडार) तकनीक से नई दिल्ली-वाराणसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारी अब टेंडर समेत दूसरी प्रक्रियाओं की तैयारियों में जुट गए हैं।

इटावा में इन गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण
इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। यहां हर पांच किलोमीटर के दायरे मे सर्वेक्षण टीम ने पिलर प्वांइट तैयार किये हैं। इटावा जिले के लोडरपुरा, रमपुरा कौआ, कुदरैल, टिमरूआ, खडैता, चैपुला, बनी हरदू, खरौंगा, नगला चिंता, खरगपुर सरैया आदि गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा। सबसे ज्यादा जमीन का अधिग्रहण चैपुला पर किया जाएगा। चैपुला में इस बुलेट ट्रेन का स्टेशन बनेगा। 

दो नए स्टेशन बनेंगे
इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली से वाराणसी के बीच 14 स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है। प्रोजेक्ट से जुड़े  अधिकारियों के मुताबिक पहले सिर्फ 12 स्टेशन बनाए जाने थे। लेकिन अब कानपुर और न्यू भदोही को स्टेशनों की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस महात्वाकांक्षी रेल परियोजना को साल 2026 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत इटावा जिले के चैपुला में भी हाई स्पीड रेल परियोजना का रेलवे स्टेशन बनेगा।

गौतमबुद्ध नगर में दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड ट्रेन के 2 स्टेशन होंगे
दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन का सबसे ज्यादा फायदा गौतमबुद्ध नगर जिले को ही मिलने वाला है। दिल्ली से लेकर वाराणसी तक केवल गौतमबुद्ध नगर ऐसा जिला होगा, जिसके हिस्से में दो स्टेशन आएंगे। पहला स्टेशन नोएडा शहर में बनाया जाएगा। दूसरा स्टेशन जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग में बनाने का प्रस्ताव है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी ने टर्मिनल बिल्डिंग में हाईस्पीड रेल का स्टेशन बनाने का आग्रह किया है। इससे यहां रेल और हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों की सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी और आवाजाही में लगने वाले समय की बचत होगी। 

अधिकारियों का कहना है कि रेल कॉरपोरेशन इस पर विचार कर रहा है। अगर हाईस्पीड रेल यमुना एक्सप्रेसवे के बीच से होकर गुजरेगी तो एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग तक पहुंचने के लिए एलाइंमेंट बदलना होगा। दरअसल, जेवर एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग यमुना एक्सप्रेसवे से करीब 500 मीटर की दूरी पर है। ऐसे में हाई स्पीड ट्रेन को यमुना एक्सप्रेसवे से उतारकर टर्मिनल बिल्डिंग तक और फिर वापस यमुना एक्सप्रेसवे पर लाना  बड़ी समस्या हो सकती है।

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