केंद्र सरकार के तीन नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने तीसरी बार भारत बंद का आह्वान किया है। दरअसल 26 मार्च को किसान आंदोलन के 4 महीने पूरे होंगे। संगठनों ने उसी दिन भारत बंद की घोषणा की है। प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से कहा गया है कि शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद किया जाएगा। किसी तरह की हिंसा या गैरकानूनी गतिविधियां नहीं होने दी जाएंगी। केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें अभी से कानून-व्यवस्था को लेकर समीक्षा करने लगी हैं।
तीन महीने से ज्यादा वक्त से कर रहे हैं विरोध
बताते चलें कि हजारों किसान केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब चार महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब से शुरू हुआ सिलसिला दिल्ली पहुंचा। करीब 3 महीने तक दिल्ली की सभी सीमाओं पर आंदोलनरत किसान जमे रहे। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद ज्यादातर किसान संगठनों ने वापसी का रुख कर लिया। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के यूपी वेस्ट के नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर मोर्चा संभाला। उनकी अगुवाई में आंदोलन अब भी बदस्तूर जारी है।
पहले भी दो बार कर चुके हैं बंद
धीरे-धीरे अन्य किसान संगठन भी दिल्ली आने की तैयारी करने लगे हैं। आंदोलनकारी किसान पहले भी दो बार भारत बंद कर चुके हैं। इससे पहले संगठनों ने 8 दिसंबर 2020 और 6 फरवरी 2021 को भारत बंद किया था। इन दोनों दिन देश के कुछ नेशनल और स्टेट हाईवे को कुछ घंटों के लिए बंद रखा गया था। उस दौरान किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं मिली थी। शाम होते-होते यातायात सामान्य हो गया था और सड़कों पर बैठे किसाव वापस लौट गए थे।
नहीं होगी किसी तरह की हिंसा
किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर सभी किसान 26 मार्च को शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद करेंगे। सुबह से शाम तक इस आंदोलन का असर दिखाई देगा। संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान शांति-व्यवस्था बनी रहेगी। किसान किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल नहीं होंगे। पिछली बार की तरह सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध किया जाएगा। किसानों का मकसद सरकार से कानूनों को निरस्त कराना है। जनता को परेशान करना या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसा किसानों का कोई लक्ष्य नहीं है।