भारतीय रेलवे अगले साल तक लंबी दूरी की प्रीमियम राजधानी ट्रेनों को बंद कर इनके स्थान पर तेजस श्रेणी की ट्रेन चलाने की योजना पर आगे बढ़ रहा है। इन ट्रेनों में अत्याधुनिक सुविधाएं के साथ यात्रियों को खास अनुभव मिलेगा। पहली ट्रेन 15 फरवरी को दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से अगरतला के लिए चलाई जाएगी। रेलवे ने यात्रियों को लुभाने के लिए इसे “न्यू एरा ऑफ ट्रेन ट्रैवेल एक्सपीरियंस” का स्लोगन दिया है। दरअसल रेल मंत्रालय इस प्रोजेक्ट पर लंबे अरसे से काम कर रहा था। अब इस पर सहमति बन गई है। इसके मुताबिक 2022 तक ज्यादातर लंबे रूट की प्रीमियम राजधानी ट्रेनों को बंद कर अत्याधुनिक कोच वाली तेजस ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनमें फर्स्ट एसी, 2nd और थर्ड एसी कोच रहेंगे।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021-22 में रेलवे नई सहूलियत से युक्त करीब 500 कोच का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए रायबरेली और चेन्नई स्थित रेल कारखाने में प्रोडक्शन का काम शुरू हो गया है। हालांकि इन कोच को पुराने तेजस लुक में ही रखा जाएगा। पर इनमें लंबी दूरी के हिसाब से अत्याधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। यात्रियों को खास अनुभव देने के लिए सीट और बर्थ बनाने में पहले के मुकाबले बेहतर पीयू फोम का इस्तेमाल किया गया है। हर बर्थ पर पढ़ने के लिए अलग से लाइट लगाई गई है। यहां तक कि यात्री एयर कंडीशनिंग सिस्टम की जांच भी कर सकेंगे।
आधुनिक तकनीक और सुविधाएं मिलेंगी
हर बर्थ के लिए मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट लगाए गए हैं। सबसे ज्यादा सहूलियत साइड लोअर बर्थ वाले मुसाफिरों को मिलेगी। साइड लोएर बर्थ अब सिंगल रहेगी। उसे बीच से फोल्ड-अलफोल्ड नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वाटर लेवल सेंसर लगाए जाएंगे। सभी कोच में पैसेंजर अनाउंसमेंट और पैसेंजर इनफॉर्मेशन सिस्टम की सुविधा रहेगी। इसके अलावा अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें दिन-रात विजन की तकनीक, नाइट विजन, फेसियल रिकॉग्निशन और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर जैसी लेटेस्ट तकनीक मौजूद रहेंगी।
हर कोच में मिनी पैंट्री रहेगी
हर कोच में मिनी पैंट्री उपलब्ध रहेगी। इससे लोगों को खाने-पीने की चीजें आसानी से मिल सकेंगी। बच्चों और बुजुर्गों को खास फायदा मिलेगा। आपातकालीन सेवाओं के लिए टॉल्क बैक सिस्टम लगाया गया है। फर्स्ट क्लास कोच में अलॉर्म बजाने पर कोच सहायक सेवा देंगे। टॉयलेट और दूसरी जगहों पर बैटरी से संचालित ऑटो एयर फ्रेशनर लगाए जाएंगे। ताकि, मुसाफिरों को गंदी बदबू से दो-चार न होना पड़े।
दरवाजों का संचालन गॉर्ड करेंगे
तेजस चेयर कार और वंदे भारत ट्रेनों की तरह इनमें भी प्रवेश और निकास द्वार गॉर्ड के नियंत्रण में रहेगा। कोच को टिकाऊ बनाने के लिए फ्रेम में स्टील का प्रयोग किया गया है। थकाऊ मुक्त यात्रा का अनुभव देने के लिए इन कोच में एयर सस्पेंशन लगाए गए हैं। इसके अलावा सभी कोच में फायर अलॉर्म, डिटेक्शन और सस्पेंशन सिस्टम मौजूद है। साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए PVC Film का इस्तेमाल किया गया है। दरअसल इनके रखरखाव में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती। इन पर गंदगी भी कम होती है।
टच कियोस्क से रहेगी निगरानी
हर पॉवर कार में 18.5 इंच का टच-स्क्रीन कियोस्क लगाया गया है। इसके जरिए पूरे रेक को मॉनिटर किया जाएगा। साथ ही इन्हें स्टेशन और कोच कम्प्यूटिंग यूनिट सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे एक दिन पहले ही रेलवे ने नए इकॉनोमी एसी कोच को सार्वजनिक किया था। इस डिजाइन के नए कोच मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाए जा रहे हैं। ये 130 किमी/घंटा की रफ्तार से गतिमान ट्रेनों में लगाई जा रही हैं।