उच्चतम न्यायालय के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एनवी रमण को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे। न्यायमूर्ति रमन्ना देश के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की जगह लेंगे। न्यायमूर्ति नूतलपाटि वेंकटरमण का जन्म 1957 में आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। न्यायमूर्ति रमन्ना ने 10 फरवरी 1983 से वकालत शुरू की थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना का सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक होगा। इस तरह डेढ़ वर्ष से भी कम पद पर रहेंगे। न्यायमूर्ति रमण आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज हैं जो कि देश के मुख्य न्यायाधीश बने हैं। जस्टिस एनवी रमन ने शनिवार को शपथ ग्रहण के साथ ही कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वे 26 अगस्त 2022 तक सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे। इससे पहले 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी। न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना संवैधानिक मामलों के जानकार माने जाते हैं। उन्हें संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानून का खास जानकार माना जाता है।
न्यायमूर्ति रमन्ना 10 फरवरी 1983 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायिक कार्य की शुरूआत की। 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किये गए। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भी काम किया। 2 सितंबर 2013 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। न्यायमूर्ति एनवी रमण सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले की सुनवाई करने वाली संवैधानिक पीठ का नेतृत्व भी किया है।