ऐतिहासिकः मोदी ने 'ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ का उद्घाटन किया, बदल जाएगी गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर की तस्वीर, जानिए कैसे

देश | 4 साल पहले | Harish Rai

Tricity Today | न्यू खुर्जा - न्यू भाऊपुर सेक्शन का लोकार्पण करते सांसद डॉ महेश शर्मा



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 'न्यू खुर्जा-न्यू भाऊपुर रेलखंड' फ्रेट कॉरीडोर का उद्घाटन किया। इसके साथ ही गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर में विकास के नए रास्ते खुल गए हैं। इस कॉरिडोर से गौतमबुद्ध नगर का जुड़ाव पश्चिम बंगाल के दानकुनी से हो गया है। अब गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के उत्पादों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का मार्ग मिल गया है। उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित किया। गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा ने इस मौके पर खुर्जा में लोगों को संबोधित किया। सांसद ने हरी झंड़ी दिखाई और शिलापट्ट का लोकार्पण किया। 

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि, इस कॉरिडोर में नए आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्पष्ट सुनाई देगी। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को 'ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 'न्यू खुर्जा-न्यू  भाऊपुर खंड' का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि, 'आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है। यह भारत व भारतीय रेल की सामर्थ्य बढ़ाने वाला है।'

ग्रेटर नोएडा में जोड़े जाएंगे दोनों फ्रेट कॉरीडोर

इस कॉरिडोर में दादरी से खुर्जा तक करीब 28 किलोमीटर का लिंक बनाया जाएगा। लिंक का करीब 20 प्रतिशत काम मार्च तक पूरा हो जाएगा। दादरी से खुर्जा तक के इस खंड में आठ आरओबी बनाए जाने हैं। यह काम पूरा होते ही यह फ्रेट कॉरिडोर खुर्जा-कानपुर वाले ट्रैक से जुड़ जाएगा। यह कॉरिडोर दादरी और सिकंदराबाद के बीच से गुजरेगा।

कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि मालगाड़ियों के लिए समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम बनेंगे। चाहे अलीगढ़ के ताला निर्माता हों या राजस्थान के संगमरमर व्यापारी, मलीहाबाद के आम उत्पादक हों या कानपुर और आगरा का चमड़ा उद्योग, हर किसी के लिए यह अवसर ही अवसर लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के निर्माण में देरी के लिए पिछली सरकार पर हमला किया।

उन्होंने कहा कि परियोजना को 2006 में अनुमति दी गई थी। पर, यह केवल कागज पर चलती रही। पिछली सरकारों ने 2014 तक इस परियोजना पर एक किलोमीटर का भी ट्रैक नहीं बिछाया था। न ही तत्कालीन सरकार ने स्वीकृत धन को सही ढंग से खर्च किया। 2014 में जब इसकी शुरुआत की गई, तब तक बजट 11 गुना बढ़ गया था। उन्होंने कहा, 'आठ साल में एक किलोमीटर भी नहीं बनाया गया। जबकि, छह साल में भाजपा सरकार ने 1100 किलोमीटर लाइन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

ग्रेटर नोएडा में देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहा है

ईस्टर्न, वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर और जेवर एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए गौतमबुद्ध नगर में देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने 1400 हेक्टेयर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में करीब 700 एकड़ क्षेत्रफल में लॉजिस्टिक हब योजना पर काम शुरू कर दिया है।

इस प्रोजेक्ट पर 5,750 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं : नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा, उत्तर प्रदेश में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 351 किलोमीटर लंबे 'न्यू खुर्जा-न्यू  भाऊपुर खंड' को 5,750 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस खंड के बन जाने से मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन पर भीड़ कम हो जाएगी। इससे इस मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को प्रयागराज में स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी उद्घाटन किया। यह मालगाड़ियों के संचालन के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े परिचालन नियंत्रण केंद्रों में से एक है। 

यह मुख्यालय पश्चिम बंगाल के दानकुनी से पंजाब के लुधियाना तक ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 1856 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर का संचालन करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है। इसलिए इन गाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को रोका जाता है। इस वजह से दोनों ट्रेनों में विलंब हो जाता है।' उन्होंने 1.5 किलोमीटर लंबी माल गाड़ी को हरी झंडी दिखाई।

दादरी-मुंबई कॉरिडोर एक साल में पूरा हो जाएगा

दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसका गौतमबुद्ध नगर जिले में करीब 18 किलोमीटर का हिस्सा है। लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस खंड में 4 बड़े क्रॉसिंग बनाए जा रहे हैं। यमुना, नोएडा ग्रेटर-नोएडा एक्सप्रेसवे, हिंडन नदी और कासना-सूरजपुर रोड के ऊपर ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। अगले साल दिसंबर तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दिल्ली-हावड़ा ट्रैक से बोड़ाकी स्टेशन के पास जुड़ेगा।

मोदी ने कहा- इंफ्रास्ट्राक्चर किसी दल की विचारधारा नहीं है

उद्घाटन कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, 'देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। देश का इंफ्रास्ट्राक्चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, देश के विकास का मार्ग होता है। यह पांच साल की राजनीति का नहीं, बल्कि आने वाली अनेक पीढ़ियों को लाभ देने का मिशन है। राजनीतिक दलों को अगर स्पोर्धा करनी ही है, तो इंफ्रास्ट्रआक्चकर की क्वाभलिटी, स्पीकड और स्केोल को लेकर स्पकर्धा करें।'

मोदी ने आंदोलन के दौरान होने वाली तोड़ फोड़ पर भी सजग किया। उन्होंने कहा कि, 'यहां एक मानसिकता, प्रदर्शन और आंदोलन में देखने को मिलती है। यह मानसिकता देश के इंफ्रास्ट्रकक्चकर को नुकसान पहुंचाती हैं। यह किसी दल, किसी नेता की नहीं बल्कि यह संपत्ति हर नागरिक की है। इसमें सबका पसीना लगा है। इस पर लगने वाली चोट देश पर चोट है। हमें अपने अधिकार के साथ अपना राष्ट्रीय दायित्व नहीं भूलना चाहिए।'

ग्रेटर नोएडा के 20 गांवों में लॉजिस्टिक हब विकसित होगा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लॉजिस्टिक हब विकसित करने की योजना बनाई है। यह हब ग्रेटर नोएडा के 20 गांवों में विकसित होगा। इस परियोजना में केंद्र की भी हिस्सेदारी है। परियोजना के टेंडर निकालने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी गई है। वहां से अनुमति के बाद टेंडर निकाल दिए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि यह इंट्रीग्रेटेड सिटी से जुड़ी परियोजना है। करीब 700 एकड़ में बनने वाली इस परियोजना के लिए जल्द ही टेंडर निकाले जाएंगे। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि बोड़ाकी के आसपास लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाएगा।

विकास के लिए यूपी सरकार ने नियमों में बदलाव किया

जेवर में एयरपोर्ट आने और ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन गौतम बुद्ध नगर में बनने से लॉजिस्टिक हब की जरूरत बढ़ी है। यही कारण है कि अब औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने लॉजिस्टिक हब के लिए अपनी योजना बना ली है। प्रदेश सरकार ने इसकी गंभीरता को देखते हुए लॉजिस्टिक व वेयर हाउसिंग की श्रेणी को व्यावसायिक से बदलकर औेद्योगिक में कर दिया है। अब इनके निवेशकों को औद्योगिक दर पर जमीन मिल सकेगी। अब पहले से सस्ती दर पर जमीन प्राधिकरण दे सकेंगे।

पीएम ने कहा- बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने रेलवे की उपयोगिता गिनाई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रेलवे ने श्रमिकों के लिए एक लाख से ज्यापदा रोजगार दिवस सृजित किये हैं। आज जब दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। यह फ्रेट कॉरिडोर औद्योगिक रूप से पीछे रह गये पूर्वी भारत को नई ऊर्जा देने वाला है। इसका करीब 60 फीसदी हिस्साद उत्तेर प्रदेश में है। यहां के हर छोटे-बड़े उद्योग को इसका लाभ मिलेगा।

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