Modi Cabinet Reshuffle : नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बदलाव का खाका लगभग तैयार हो चुका है। मंगलवार की शाम दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक होगी। जिसमें संभावित बदलावों पर अंतिम मुहर लगा दी जाएगी। फिलहाल मिल रही जानकारी से दो बातें पूरी तरह साफ हो चुकी हैं। एक यह है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। दूसरी ओर एनडीए के घटक दलों अपना दल (Apna Dal), लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) और जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे।
अभी उत्तर प्रदेश से केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री को छोड़कर 9 मंत्री हैं। यूपी में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है। लिहाजा, राज्य को केंद्र में और ज्यादा प्रतिनिधित्व देकर भारतीय जनता पार्टी मतदाताओं में पकड़ मजबूत करना चाहेगी। चर्चा है कि उत्तर प्रदेश से प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी, मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल, पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी, आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया और बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह केंद्र में मंत्री बनाए जा सकते हैं।
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधेगी भाजपा
बीजेपी इस विस्तार में उत्तर प्रदेश के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश करेगी। पहले भी इसी समीकरण के आधार पर मंत्री बनाए गए हैं। बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह को मंत्री बनाकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट बिरादरी को साधने की कोशिश की जाएगी। दरअसल, लगातार ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि जाट समुदाय भाजपा से कुपित है। दूसरी ओर पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान पिछले 8 महीनों से केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रह चुके सत्यपाल सिंह पिछली मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय के राज्य मंत्री थे। इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई थी।
अभी यूपी से मोदी कैबिनेट में 9 मंत्री हैं
अभी प्रधानमंत्री को छोड़कर कैबिनेट और राज्य मंत्री के रूप में 9 मंत्री मौजूद हैं। दरअसल, लखनऊ के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री हैं। राजनाथ सिंह 2014 में मोदी सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। वह लखनऊ से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। इससे पहले वह गाजियाबाद से सांसद रह चुके हैं। राजनाथ सिंह अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। इस वक्त केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बराबर अनुभव रखने वाले कोई एकमात्र नेता राजनाथ सिंह ही हैं।
डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय चंदौली से सांसद हैं। उन्हें केंद्र में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। 2014 में मोदी सरकार में राज्यमंत्री थे। वह यूपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। चंदौली से दूसरी बार सांसद हैं। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं। रामपुर को कर्म भूमि बनाने वाले राज्यसभा सदस्य मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्री बनाया गया है। इस बार उनका पद बढ़ाकर राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री किया गया। अमेठी से राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी महिला एवं बाल कल्याण मंत्री हैं। स्मृति इरानी 2014 में भी मोदी कैबिनेट में मंत्री थीं। वह 2014 में अमेठी से चुनाव तो नहीं जीत पाईं थी पर भाजपा ने गुजरात से राज्यसभा भेजकर उन्हें पहले मानव संसाधन मंत्री और फिर कपड़ा मंत्री बनाया था।
वेस्ट यूपी से जाट बिरादरी के संजीव बालियान बरकरार हैं
मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। संजीव बालियान ने पिछले लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर में चौधरी अजित सिंह को हराया था। संजीव बालियान 2014 में मोदी सरकार में राज्यमंत्री थे। हालांकि, उन्हें पिछली सरकार के अंतिम बदलाव में मंत्री पद से हटा दिया गया था। पश्चिमी यूपी के जाट चेहरे के रूप में चर्चित संजीव बालियान को दूसरी नरेंद्र मोदी सरकार में फिर मौका दिया गया। वहीं, फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं। यूपी में निषाद समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली साध्वी निरंजन को भाजपा ने निषाद और पिछड़ा समुदाय को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल में जगह दी है।
गाजियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह के पास सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी है। सेना से रिटायर होने वाले जनरल वीके सिंह भी दूसरी बार मंत्री बने हैं। थल सेनाध्यक्ष रह चुके जनरल वीके सिंह 2014 की मोदी सरकार में भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज के साथ विदेश राज्यमंत्री थे। इसी तरह यूपी से राज्यसभा सांसद हरदीप सिंह पुरी को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आवास और शहरी, नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। हरदीप सिंह पुरी मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं, पर वह यूपी से राज्यसभा सांसद हैं। पिछली सरकार में भी मंत्री थे। उन्हें सिख समाज के चेहरे के तौर पर मंत्री बनाया गया है।
बरेली से आठवीं बार सांसद बने संतोष गंगवार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में हैं। वह स्वतंत्र प्रभार के मंत्री हैं। संतोष गंगवार कुर्मी समाज से आते हैं। भाजपा के पिछड़े चेहरों का प्रतिनिधित्व करने वाले गंगवार अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। संतोष गंगवार को आरएसएस का भी करीबी माना जाता है। अब देखना यही है कि इन मौजूदा 9 मंत्रियों में से किस पर दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दांव लगाएंगे। हालांकि, जानकारों का कहना है कि यूपी से केंद्र में मौजूदा मंत्रियों में से कुछ की छुट्टी हो सकती है।
एनडीए के 3 घटक दल सरकार में शामिल होंगे
दूसरी ओर नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 3 घटक दलों को भी समाहित करना है। इनमें दो बिहार और एक उत्तर प्रदेश से राजनीतिक गठजोड़ बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। उत्तर प्रदेश से अनुप्रिया पटेल का अपना दल एक बार फिर केंद्र सरकार में शामिल होने वाला है। पिछले दिनों अनुप्रिया पटेल और गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात हो चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल के अलावा उनका एक और सहयोगी मंत्रिमंडल में जगह पा सकता है। दूसरी ओर बिहार से जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी के सांसदों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी। इसके लिए अमित शाह दोनों दलों के नेताओं से बात कर चुके हैं। आपको बता दें कि हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। चिराग पासवान पार्टी से पकड़ खो चुके हैं और उनके चाचा पार्टी पर काबिज हैं। ऐसे में चिराग पासवान के बड़े चाचा नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल हो सकते हैं। इस वक्त चिराग पासवान के साथ पार्टी का कोई सांसद नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान खुद चुनाव हार गए थे।