ग्रेटर नोएडाः अल्जाइमर से ग्रसित 105 साल की बुजुर्ग ने कोरोना को दी शिकस्त

Google Image | राबिया अस्पताल में भर्ती



ग्रेटर नोएडा में डॉक्टरों की मेहनत और 105 साल की बुजुर्ग महिला की हिम्मत ने कोरोना वायरस को शिकस्त दी दी है। मूल रूप से अफगानिस्तान की रहने वाली यह बुजुर्ग महिला अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। उन्हें अपने और अपने परिवार के बारे में भी कोई खास जानकारी नहीं है। वह छोटी-छोटी बातें बहुत कम समय में भूल जाती हैं। वह अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। गुरुवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। शुक्रवार को बुजुर्ग महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 

अफगानिस्तान की मूल निवासी राबिया अल्जाइमर की बीमारी से पीड़ित हैं। उनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल ने प्रोटोकॉल के तहत राबिया खान का कोरोना वायरस टेस्ट करवाया। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और स्वास्थ विभाग ने उन्हें ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कर दिया।

डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में 15 दिन रखकर इलाज किया। राबिया को स्वस्थ करने के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने दिन रात एक कर दिया। उनकी हर छोटी से छोटी जरूरत पर खुद ध्यान रखा गया। दरअसल, वह बहुत सारी बातें बता नहीं सकती है और चीजें मांग नहीं सकती हैं। अंततः शुक्रवार को राबिया खान ने इस जानलेवा महामारी पर जीत हासिल कर ली है। इस उम्र में भी उन्होंने कोरोना को मात देकर इसे जानलेवा समझने वालों के सामने उदाहरण पेश किया है। गुरुवार देर शाम को राबिया की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्हें उनकी रिपोर्ट का स्टेट्स बताया गया तो वह बहुत खुश हुईं।

राबिया को जब पता चला कि वह पूरी तरह से अब कोरोना से ठीक हो चुकी हैं तो उन्होंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, 'जब तक अल्लाह मुझे चाहते हैं, मैं जीवित रहूंगी।' उन्होंने कहा कि उन्होंने कोविड-19 को हौवा नहीं समझा। वह बीमारी के बारे में सोचना भी नहीं चाहतीं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा जिंदा रहना चाहिए।

बुजुर्ग ने कहा, 'मुझे लगता है कि मैं लंबे समय तक जिंदा रह सकती हूं। मैं ईद-उल-जुहा पर नमाज पढ़ूंगी।' जब उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था तो वह अपने किसी भी रिश्तेदार को नहीं पहचान पा रही थीं। कोरोना को हराने के बाद उनके अंदर जीने की चाह दिखाई दे रही है। राबिया खान के स्वस्थ हो जाने से शारदा अस्पताल प्रशासन डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ बेहद खुश हैं।

शारदा अस्पताल के प्रवक्ता डॉ अजीत कुमार सिंह ने कहा, "यह बेहद खुशी की बात है। इससे कोरोना वायरस को जानलेवा समझने वाले लोगों को जरूर प्रेरणा मिलेगी। शायद यह देश में एक रिकॉर्ड भी है। सबसे उम्रदराज महिला को हमने स्वस्थ करके उनके घर वापस भेजा है। हालांकि, इससे पहले शारदा अस्पताल ने 103 साल के मशहूर शायर देहलवी साहब को कोरोनावायरस से स्वस्थ करके घर वापस भेजा गया था।"

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