Tricity Today | Yamuna Authority
सीएजी ने अपने ऑडिट में यमुना प्राधिकरण को लेकर कई खुलासे किए हैं। सीएजी ने अपनी जांच में बताया है कि गलत नीतियों के चलते यमुना प्राधिकरण को तीन हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। साथ ही जांच में मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीदने का भी मुद्दा उठाया है। सीएजी ने 12 आपत्तियां लगाकर प्राधिकरण से जवाब मांगा है।
सरकार ने यमुना प्राधिकरण का सीएजी ऑडिट कराया है। दो चरणों में ऑडिट होना है, जिसमें पहला चरण पूरा हो गया है। इस ऑडिट में कई खुलासे हुए हैं। सीएजी ने 12 आपत्तियां लगाई हैं और इन सभी के जवाब यमुना प्राधिकरण से मांगे गए हैं।
सीएजी ने एक आपत्ति लगाई कि यमुना प्राधिकरण ने आवंटियों से विकास शुल्क जनपद के दोनों प्राधिकरणों से कम लगाया है। इससे करीब 3 हजार करोड़ रुपये का प्राधिकरण को नुकसान हुआ है।
मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीदने उठाया सवाल
इसके अलावा सीएजी ने कहा कि प्राधिकरण में मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीदी गई है। इसमें बैलाना, जहांगीरपुर, मथुरा, लतीफपुर बांगर आदि शामिल है। इस खरीद में गड़बड़ी हुई है। इससे यमुना प्राधिकरण को आर्थिक क्षति पहुंची है। मथुरा जमीन खरीद घोटाले में तो पूर्व सीईओ समेत कई की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब यह मामला सीबीआई के हाथ में हैं। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
सीएजी ऑडिट में लगाई गई आपत्तियां का जवाब प्राधिकरण ने भेज दिया है। सूत्रों का कहना है कि विकास शुल्क को लेकर प्राधिकरण ने बताया है कि अब भी प्राधिकरण क्षेत्र में बसावट नहीं है। ऐसे में विकास शुल्क लिया जाना ठीक नहीं है। इसी तरह सभी आपत्तियों के जवाब भेजे हैं।
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