गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट को 81% जनता का समर्थन, लोगों ने कहा- अब ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं

नोएडा | 4 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट को 81% जनता का समर्थन



गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट को लेकर कुछ सवाल उठाए गए। इसे फेल करार दिया गया और खत्म करने की मांग की गई। इस पर ट्राइसिटी टुडे डॉट कॉम ने गौतम बुद्ध नगर के जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, पुलिस महानिदेशक स्तर के पूर्व अफसरों, ब्यूरोक्रेट्स और आम आदमी से उनकी ओपिनियन मांगी। जिसे हम लगातार 3 दिनों से प्रकाशित कर रहे हैं। इसी दौरान ट्राइसिटी टुडे ने टि्वटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और गूगल फॉर्म के जरिए आम आदमी की राय ली है। गौतम बुध नगर के 81 फ़ीसदी लोग पुलिस कमिश्नरेट से खुश हैं और वह पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।

ट्विटर पर 75 फ़ीसदी लोग पुलिस कमिश्नरेट के पक्ष में हैं
ट्राइसिटी टुडे ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोल किया। जिसमें पूछा गया कि गौतम बुध नगर पुलिस कमिश्नरेट को लागू रखा जाए या खत्म कर दिया जाए। इस पोल में 835 ट्विटर यूजर्स ने हिस्सा लिया है। इनमें से 627 लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट के पक्ष में राय दी है। यह संख्या 75 फ़ीसदी है। इन यूजर्स ने साफ तौर पर लिखा है कि पुलिस कमिश्नरेट लागू होने से कानून व्यवस्था सुधरी है। वह पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।

फेसबुक पर आंकड़ा बढ़कर 78 फ़ीसदी हो गया
ट्राइसिटी टुडे ने फेसबुक के जरिए लोगों से रायशुमारी की। जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर, दनकौर, रबूपुरा, जारचा और दादरी समेत ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। फेसबुक पर 1240 यूजर्स ने अपनी राय दी है। इनमें से 78 फ़ीसदी लोग पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को समर्थन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पहले के मुकाबले पुलिस की सक्रियता बढ़ी है। अब कोई आपराधिक घटना होने के बाद पुलिस का रिस्पांस टाइम बहुत बेहतर हो गया है। आपराधिक घटनाओं का जल्दी खुलासा होता है। आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस तेजी के साथ करती है।

व्हाट्सएप पर 83 फ़ीसदी लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट को अच्छा बताया
ट्राइसिटी टुडे ने अपना ऑफिशियल व्हाट्सएप नंबर जारी करके लोगों से पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था के पक्ष और विपक्ष में अपनी राय जाहिर करने की अपील की थी। इसके लिए ट्राइसिटी टुडे ने अपने ऑफिशियल ग्रुप्स में भी लोगों से कुछ सवाल पूछे थे। जिनके जवाब लोगों ने दिए हैं। 977 लोगों ने व्हाट्सएप के जरिए अपनी राय रखी है। जिसमें से 83 फ़ीसदी लोग पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के पक्ष में हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट से करीब 90 फ़ीसदी लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को ज्यादा बेहतर बताया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों ने कहा है कि नई व्यवस्था लागू रहनी चाहिए। इसके फायदे हुए हैं। फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा ने पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था का पुरजोर समर्थन किया है।

महिला, आईटी प्रोफेशनल, छात्र और शिक्षाविदों से गूगल फॉर्म के जरिए राय मांगी गई
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में छात्र, आईटी प्रोफेशनल और एजुकेशनिस्ट रहते हैं। करीब 2000 लोगों को गूगल फार्म भेजकर गौतम बुध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम पर राय रखने के लिए कहा गया था। इनमें से 1640 लोगों ने अपनी राय रखी है। बड़ी बात यह है कि पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को सबसे बड़ा समर्थन महिलाओं, छात्र, आईटी प्रोफेशनल्स और शिक्षाविदों की ओर से ही मिला है। इस पढ़े-लिखे वर्ग के 88 फ़ीसदी लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को शहर के लिए लाभदायक करार दिया है। इन लोगों का मानना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा हाईटेक शहर हैं। आने वाले वक्त में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट बनने वाला है। ऐसे में यहां हजारों करोड़ रुपए के निवेश होंगे। प्रोफेशनल और कंपनियों की सुरक्षा के लिए पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम पुराने पुलिसिंग सिस्टम के मुकाबले ज्यादा कामयाब और प्रभावी रहेगा।

पिछले 3 दिनों के दौरान ट्राइसिटी टुडे ने भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह, दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर, भारतीय जनता पार्टी गौतम बुध नगर के जिला अध्यक्ष विजय भाटी, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉ हरिवंश चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव योगेंद्र नारायण और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह समेत तमाम लोगों से इस मुद्दे पर चर्चा की है। बड़ी बात यह है कि इन सभी लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को शहर के लिए जरूरी बताया है। पिछले छह महीनों के कामकाज की खुलकर सराहना की है।

जिले के कुल 4692 निवासियों ने अपनी राय रखी है
इस मुद्दे पर गौतम बुध नगर जिले के 4,692 निवासियों ने अपनी राय रखी है। इनमें से 81 फ़ीसदी यानी 3,801 लोगों ने पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था के पक्ष में अपनी ओपिनियन दी है। इनमें 38 फ़ीसदी महिलाएं शामिल रही हैं। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के पक्ष में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ज्यादा हैं। इस रिसर्च में शामिल होने वाले पुरुषों में 79 फ़ीसदी पुलिस कमिश्नरेट के पक्ष में हैं, जबकि 83 फ़ीसदी महिलाएं पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को बेहतर मानती हैं।

महिला और बाल अपराध के लिए बनी विंग सबसे शानदार पहल
जिले के आम और खास ने पिछले 6 महीने के दौरान गौतम बुध नगर पुलिस कमिश्नरेट की सबसे बड़ी उपलब्धि महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के लिए अलग से बनाई गई शाखा को माना है। शहर की महिलाओं का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर लंबे अरसे से मांग की जा रही थी। खासतौर से थानों में महिलाओं के लिए अलग से डेस्क बनाने और महिला अधिकारियों की नियुक्ति करने की मांग महिलाएं लगातार कर रही थीं। पहली बार इस दिशा में काम किया गया है। महिलाओं का कहना है कि सबसे बड़ी बात यह है कि महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर निगरानी रखने के लिए डीसीपी स्तर की आईपीएस अफसर को कमान सौंपी गई है। इससे महिलाएं अपनी बात बेहतर ढंग से रख सकेंगी और महिलाओं की बात बेहतर ढंग से पुलिस समझ सकेगी।

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