BIG BREAKING: फिल्म सिटी की साइट देखने पहुंचे अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, अफसरों को बड़ा आदेश दिया

Tricity Today | यमुना एक्सप्रेस वे पर सेक्टर-21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी के साइट देखने के लिए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी रविवार की सुबह पहुंचे।



यमुना एक्सप्रेस वे पर सेक्टर-21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी के साइट देखने के लिए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी रविवार की सुबह पहुंचे हैं। अवनीश कुमार अवस्थी के साथ यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह भी मौजूद हैं। अफसरों ने पूरे इलाके का दौरा किया और मौजूदा स्थिति देखी है। अवनीश कुमार अवस्थी ने यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों को फिल्म सिटी प्रोजेक्ट पर जल्दी से जल्दी काम शुरू करने का आदेश दिया है। अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि परियोजना से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं जल्दी पूरी कर ली जाएं। अपर मुख्य सचिव ने प्राधिकरण अधिकारियों को बताया है कि आने वाले दिनों में फिल्म जगत से जुड़ी कुछ बड़ी हस्तियां साइट का दौरा करने आएंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सप्ताह यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में फिल्म सिटी को मंजूरी दी है। प्राधिकरण ने रबूपुरा कस्बे के पास सेक्टर-21 में 1,000 एकड़ जमीन फिल्म सिटी के लिए आरक्षित कर दी है। यमुना प्राधिकरण ने भूमि के लिए आवंटन दरें निर्धारित कर दी हैं। प्राधिकरण का कहना है कि जल्दी ही परियोजना के लिए आवंटन प्रक्रिया की घोषणा कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को लेकर बेहद गंभीर है। लिहाजा, रविवार की सुबह राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह के साथ रबूपुरा पहुंचे। अपर मुख्य सचिव ने फिल्म सिटी की साइट का दौरा किया है। यहां का पूरा मास्टर प्लान देखा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने अनीश कुमार अवस्थी को परियोजना के बारे में पूरी जानकारी दी है।

आपको बता दें कि यीडा के सेक्टर-21 में 1000 एकड़ में फिल्म सिटी प्रस्तावित की गई है। इसमें से 615 एकड़ जमीन का अधिग्रहण पहले ही हो चुका है। 230 एकड़ जमीन पर किसानों की सहमति है। इस हिसाब से सिर्फ 155 एकड़ जमीन अभी किसानों से ली जानी है। इन किसानों को लैंड पूलिंग का विकल्प प्राधिकरण देगा। किसान तीनों विकल्पों (अधिग्रहण, सहमति या लैंडपूलिंग) में से जिस विकल्प को अपनाएंगे, उसी पर अमल करते हुए उनकी जमीन ली जाएगी। लैंड पूलिंग के तहत विकास प्राधिकरण किसानों से जितनी जमीन लेगा, उसकी आधी जमीन विकसित करके किसानों को वापस कर देगा। विकसित जमीन किसान सीधे फिल्म सिटी में आने वाले उद्यमियों को बेच सकेंगे। किसान चाहेंगे तो सीधे विकास प्राधिकरण से मुआवजा लेकर जमीन दे सकते हैं। इसके बाद विकास प्राधिकरण खुद आवंटन करेगा।

इस दर पर मिलेगी जमीन

  • भूखंड का क्षेत्रफल वर्ग मीटर में                 कीमत रुपये प्रति वर्ग मीटर में
  • 4 हजार मीटर                                          6670
  • 4 से 8 हजार मीटर                                   5680
  • 8 से 20 हजार मीटर                                4810
  • 20 से 40 हजार मीटर                             4370
  • 40 से 80 हजार मीटर                             4210
  • 80 हजार मीटर से बड़े                             4050

इन सुविधाओं पर रहेगा जोर

  1. करीब एक हजार एकड़ में बसने वाली फिल्म सिटी में स्टूडियो, आउटडोर लोकेशन, विशेष स्टूडियो, शॉपिंग कांप्लेक्स, फूड कोर्ट समेत तमाम सुविधाएं होंगी।
  2. इसके अलावा यहां पर टेक्निकल और साउंड सर्विसेज को लेकर भी काम किया जाएगा। यहां पर फिल्म निर्माण से जुड़ी सभी सुविधाएं दी जाएंगी ताकि निर्मााता यहां पर फिल्म बन सकें।
  3. फिल्म सिटी के चयनित 1 हजार एकड़ जमीन में से 220 एकड़ जमीन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए है। फिल्म इंडस्ट्री के लिए हां पर होटल, गेस्ट हाउस, रेस्तरां, शॉपिंग कांप्लेक्स आदि बनाए जाएंगे। इसके अलावा फिल्म सिटी के लिए जरूरी सुविधाओं पर काम होगा।
  4. फिल्म सिटी के साथ वहां पर व्यावसायिक गतिविधियां भी चलेंगी। यमुना प्राधिकरण ने साइट का चयन करते समय इस बात का भी ध्यान रखा है। फिल्म सिटी की साइट में 220 एकड़ जमीन व्यावसायिक उपयोग की है।
  5. फिल्म सिटी शुरू होगी तो यहां पर होटल, रेस्तरां, गेस्ट हाउस, शॉपिंग कांप्लेक्स की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए यह जमीन काम आएगी। यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे होटल व शॉपिंग कांप्लेक्स बनाए जाएंगे। इससे इलाके के लोगों को भी रोजगार मिलेगा।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी के लिए जो जरूरी सुविधाओं की जरूरत होगी, उसको पूरा किया जाएगा। इसको लेकर सरकार की ओर से जो दिशा-निर्देश आएंगे, उनको पूरा किया जाएगा। जमीन की साइट तय हो गई है। प्राधिकरण के पास पूरी जमीन है। जल्द ही इस दिशा में आगे की ओर बढ़ा जाएगा।

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